सीतारमण के इस कदम से भारत में खत्म होगी कारों की लंबी वेटिंग लिस्ट ?
सरकार ने पिछले साल देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी थी।
वाशिंगटन। देश का कार उद्धोग बीते एक साल से सेमी कंडक्टर की भारी कमी का सामना कर रहा है। लेकिन अब इस समस्या के खत्म होने के संकेत मिले हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को अमेरिकी सेमीकंडक्टर उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उन्हें भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
वित्त मंत्री ने सिलिकॉन वैली में स्थित कंपनियों के लिए भारत में अवसरों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार सेमीकंडक्टर मिशन के जरिए प्रोत्साहन देने के साथ संपूर्ण सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला में एक भरोसेमंद खिलाड़ी बनने को प्रतिबद्ध है। सरकार ने पिछले साल देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी थी।
इस योजना का मकसद वैश्विक स्तर पर भारत को उच्च प्रौद्योगिकी आधारित उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित करना और बड़े चिप निर्माताओं को आकर्षित करना है। डिजाइन, निर्माण, उपकरण, प्रौद्योगिकी और प्रणालियों सहित सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र की दिग्गज हस्तियों ने सैन फ्रांसिस्को में वित्त मंत्री के साथ बैठक में कहा कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में भारत में अपनी क्षमताओं को काफी हद तक बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि वे अनुसंधान एवं विकास के लिए अकादमिक संस्थानों के साथ सहयोग भी कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘प्रतिभागियों ने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों के मद्देनजर वे कुछ क्षेत्रों पर अधिक निर्भरता की समीक्षा कर रहे हैं और सही नीतियों तथा प्रतिभा के साथ अगला दशक भारत का होगा।’’
बैठक में एएमडी के मुख्य वित्तीय अधिकारी और कोषाध्यक्ष देविंदर कुमार, वेस्टर्न डिजिटल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डैन स्टीयर, माइक्रोन टेक में वैश्विक परिचालन के कार्यकारी उपाध्यक्ष मनीष भाटिया सहित कई दिग्गज शामिल हुए। वित्त मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में बताया कि सीतारमण ने फर्स्टसोलर के सीईओ मार्क विडमार से भी मुलाकात की।
सीतारमण ने उबर के सीईओ दारा खोसरोशाही से भी मुलाकात की, जिन्होंने भारत में कंपनी के निवेश और विस्तार योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बैठक के दौरान उम्मीद जताई की कंपनी भारत में सभी क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज करेगी और कंपनी अपने मंच पर ड्राइवरों की संख्या को चौगुनी करके 20 लाख तक पहुंचाना चाहती है।