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Hindi News पैसा ऑटो दिल्ली में EV पॉलिसी मार्च 2025 तक बढ़ाई गई, CM ने किया ऐलान, सब्सिडी और रोड टैक्स में मिलेगी छूट

दिल्ली में EV पॉलिसी मार्च 2025 तक बढ़ाई गई, CM ने किया ऐलान, सब्सिडी और रोड टैक्स में मिलेगी छूट

दिल्ली सरकार का यह कदम कुछ महीनों से देश में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री पर दबाव के बीच आया है, क्योंकि वाहनों की कीमतें अधिक हैं, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त नहीं है। ग्राहकों में रेंज की चिंता है।

दिल्ली देश के सबसे बड़े ईवी बाजारों में से एक है, जो कुल घरेलू बिक्री का लगभग दसवां हिस्सा है।- India TV Paisa Image Source : FILE दिल्ली देश के सबसे बड़े ईवी बाजारों में से एक है, जो कुल घरेलू बिक्री का लगभग दसवां हिस्सा है।

दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी यानी Delhi EV policy 2.0 को मार्च 2025 तक बढ़ाया जाएगा। दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी ने गुरुवार को इस बात की घोषणा कर दी। इसका मतलब यह हुआ कि 1 जनवरी, 2024 और उसके बाद खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी और रोड टैक्स में छूट मिलेगी। दिल्ली देश के सबसे बड़े ईवी बाजारों में से एक है, जो कुल घरेलू बिक्री का लगभग दसवां हिस्सा है।

बिक्री पर हो गया था असर

इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, ऑटोमोबाइल्स डीलर के संगठन FADA के आंकड़ों के मुताबिक, प्रोत्साहन को हटाने से EV खरीद की कीमतों में तेज वृद्धि हुई, जिससे बिक्री में भारी गिरावट आई। दिल्ली सरकार का यह कदम कुछ महीनों से देश में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री पर दबाव के बीच आया है, क्योंकि वाहनों की कीमतें अधिक हैं, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त नहीं है। ग्राहकों में रेंज की चिंता है। भारत में करीब 12,000 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हैं।

कितनी मिलती है सब्सिडी

ईवी पॉलिसी के तहत, इलेक्ट्रिक टू व्हीलर खरीदने पर बैटरी क्षमता के मुताबिक, 5,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा (अधिकतम 30,000 रुपये तक) की सब्सिडी दी जाती है। तिपहिया वाहनों पर कुल लागत और बैटरी क्षमता की परवाह किए बिना प्रति वाहन 30,000 रुपये की फ्लैट सब्सिडी दी जाती है। वित्त वर्ष 25 के पहले चार महीनों में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री लगभग 29,500 यूनिट पर स्थिर रही।

सरकारी प्रोत्साहन, ईंधन की बढ़ती कीमतों और बढ़ती उपभोक्ता जागरुकता के कारण भारत में नए वाहनों (दोपहिया, तिपहिया और यात्री वाहनों सहित) की बिक्री में लगभग 10-15 प्रतिशत के साथ ईवी के बाजार में प्रवेश करने की उम्मीद है। वर्ष 2030 तक, इलेक्ट्रिक बसों, वाणिज्यिक वाहनों और निजी कारों की तैनाती में पर्याप्त वृद्धि के साथ वार्षिक ईवी बिक्री 10 मिलियन यूनिट को पार करने का अनुमान है। ईवी बाजार में नए वाहनों की बिक्री का 30-40 प्रतिशत प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

 

 

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