अब EV Industry में होगा महामुकाबला, iPhone बनाने वाली कंपनी Foxconn ईवी मार्केट में करने जा रही एंट्री
EV Industry: भारतीय ईवी बाजार में जल्द ही एक महामुकाबला देखने को मिल सकता है। आईफोन बनाने वाली कंपनी Foxconn ईवी मार्केट में एंट्री करने जा रही है।
EV Market Foxconn: भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। दुनियाभर की कंपनियां यहां निवेश करने को लेकर उत्साहित नजर आ रही हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, Apple के लिए iPhone बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के क्षेत्र में प्रवेश करने की तैयारी में है, और अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कुछ राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत उसे इस साल एक प्रोडक्शन लाइन डेवलप करने में सहायता करेगा, जो दोपहिया ईवी मैन्युफैक्चरिंग सर्विस को एक नई दिशा में ले जाने का काम करेगी।
पहली बार हो रहा है ऐसा
ऐसा पहली बार हो रहा है जब कोई ताइवान की कंपनी भारत में अपनी ईवी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को बनाने की योजना के बारे में विचार कर रही है। एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही ताइवान का दौरा करने और कंपनी की ईवी योजनाओं पर चर्चा करने के लिए फॉक्सकॉन के अधिकारियों से मिलने के लिए तैयार है। फरवरी 2022 में वेदांता और होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप (फॉक्सकॉन) ने भारत में सेमीकंडक्टर बनाने के लिए एक साथ काम करने की घोषणा की थी। वेदांता और ताइवानी निर्माता फॉक्सकॉन ने गुजरात में सेमीकंडक्टर और डेमोंस्ट्रेशन प्रोडक्शन प्लांट के निर्माण में 19.5 अरब डॉलर का निवेश किया है। रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के अधिकारियों ने ईवी निर्माण योजनाओं पर चर्चा करने के लिए पिछले साल अपनी यात्रा के दौरान फॉक्सकॉन के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी।
तीन चरणों में होगा पूरा
पिछले साल फॉक्सकॉन के अध्यक्ष यंग लियू की भारत की पहली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था कि ताइवान की कंपनी का ईवी मैन्युफेक्चरिंग के लिए धक्का नेट शून्य उत्सर्जन की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है। कर्नाटक के बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री एमबी पाटिल कहा है कि इस बीच ऐप्पल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चर फॉक्सकॉन ने अप्रैल 2024 तक अपने प्रस्तावित देवनहल्ली प्लांट में आईफोन इकाइयों का निर्माण शुरू करने की योजना बनाई है और राज्य सरकार इस साल 1 जुलाई तक कंपनी के लिए आवश्यक जमीन सौंप देगी। ताइवान स्थित वैश्विक कंपनी ने कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) को भूमि की लागत का 30 प्रतिशत (90 करोड़ रुपये) पहले ही भुगतान कर दिया है। इसने परियोजना को तीन चरणों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है और तीनों चरणों के पूरा होने के बाद संयंत्र से सालाना 20 मिलियन यूनिट (2 करोड़ यूनिट) के निर्माण का भी लक्ष्य रखा है।