EV Industry में आने जा रही बड़ी क्रांति, टाटा मोटर्स ने उबर के साथ की धांसू डील
EV Industry: इलेक्ट्रिक कार की मांग लगातार मार्केट में बढ़ती जा रही है। पेट्रोल और डीजल इंजन कार पर खर्च होने वाले पैसों की बचत करने के लिए लोग इलेक्ट्रिक पर बहुत ही तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं।
EV Industry Big Revolution: टाटा मोटर्स ने सोमवार को कहा कि वह उबर को 25,000 एक्सप्रेस-टी इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति करेगी। एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों कंपनियों के बीच हुए एमओयू (सहमति पत्र) के अनुसार उबर अपनी प्रीमियम श्रेणी की सेवा में इलेक्ट्रिक सेडान का इस्तेमाल करेगी। कंपनियों ने सौदे का वित्तीय ब्यौरा नहीं दिया। इन इलेक्ट्रिक गाड़ियों को दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु और अहमदाबाद में उतरा जाएगा। मुंबई स्थित ऑटो विनिर्माता इस महीने से चरणबद्ध तरीके से उबर फ्लीट साझेदारों को कारों की आपूर्ति शुरू करेगी। यह समझौता ओला के लिए एक बड़ी मुसीबत बन सकता है। बता दें, ओला ने हाल ही में 920 मिलियन डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया था। यह निवेश ईवी सेक्टर को गति देने के लिए बैटरी में की जाएगी।
लाखों में है कीमत
एक्सप्रेस-टी की दिल्ली में शोरूम कीमत 13.04 लाख रुपये से शुरू है। एक्सप्रेस-टी की 315 किमी रेंज वाली गाड़ी की कीमत 14.98 लाख रुपये है और इसके लिए 2.6 लाख रुपये की फेम सब्सिडी मिलती है। टाटा मोटर्स के यात्री वाहन और टाटा यात्री इलेक्ट्रिक गतिशीलता के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने एक बयान में कहा कि देश में टिकाऊ गतिशीलता बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता के तहत हम भारत के प्रमुख सवारी साझा करने वाले मंच उबर के साथ साझेदारी करके खुश हैं। इस पहल से ग्राहकों को उबर की प्रीमियम श्रेणी की सेवा के जरिए पर्यावरण के अनुकूल ईवी सवारी का अनुभव मिलेगा। उबर के अध्यक्ष (भारत और दक्षिण एशिया) प्रभजीत सिंह ने कहा कि कंपनी भारत में टिकाऊ, साझा गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और टाटा मोटर्स के साथ यह साझेदारी इस यात्रा में एक प्रमुख कदम है।
मांग में आ रही बढ़ोतरी
इलेक्ट्रिक कार की मांग लगातार मार्केट में बढ़ती जा रही है। पेट्रोल और डीजल इंजन कार पर खर्च होने वाले पैसों की बचत करने के लिए लोग इलेक्ट्रिक पर बहुत ही तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं। इसे खरीदने से पहले रेंज और टॉप स्पीड के अलावा मोटर की क्षमता जरूर चेक करते हैं। कई वाहन निर्माता कंपनी अब डीजल इंजन कार को बनाना बंद कर चुकी है। बता दें, इलेक्ट्रिक कार में गियर बॉक्स नहीं होता है। इसमें गियर शिफ्ट करने के लिए लीवर की भी जरूरत नहीं पड़ती है। इसे चलाने के लिए अलग-अलग मोड्स होते हैं। गियर की जगह इसमें सिंगल स्पीड ट्रांसमिशन होता है। वहीं दूसरी तरफ कुछ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में 1 गियर होता है। अगर आसान शब्दों में कहें तो इसे ऑन करने के बाद मोड सिलेक्ट कर इस मैनुअल चलाते हैं। इलेक्ट्रिक और अन्य कार के बीच सबसे बड़ा अंतर पॉवरट्रेन का होता है। इसमें मल्टी स्पीड ट्रांसमिशन की जगह सिंगल स्पीड ट्रांसमिशन रेगुलेटर होता है।