EV battery: देश में दोपहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ी है। क्रिसिल के अनुसारए वित्त वर्ष 2025-26 तक ईवी मामले में दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 15 फीसदी होगी। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग की घटना से सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई थी। इसी को देखते हुए सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। इसी क्रम में रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री 1 अक्टूबर से ईवी में लगने वाली बैटरी की क्वालिटी को लेकर नया नियम लागू करने जा रही है। ये नियम मौजूदा बैटरी सेफ्टी स्टैंडर्ड में कुछ अपडेट के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए तैयार किए गए हैं। गौरतलब है कि ओला, ओकिनावा समेत दूसरी कंपनियों के इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने के बाद सरकार ने बैटरी में आग लगने के मामलों की जांच के लिए एक स्पेशल कमिटी बनाई थी। इस स्पेशल कमिटी के रिपोर्ट के आधार पर MoRTH ने इलेक्ट्रिक टू-वीलर्सए क्वाड्रिसाइकिल और कार के लिए AIS 156 सेफ्टी स्टैंडर्ड में अपडेट जारी किया है।
सही दिशा में उठाया गया एक कदम
ईवी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क ‘स्टेटिक’ के सीईओ अक्षित बंसल ने कहा, "हम सरकार द्वारा ईवी बैटरी नियमों का स्वागत करते हैं। यह सही दिशा में उठाया गया एक कदम है जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इकोसिस्टम के प्रति सरकार की स्पष्ट मंशा को प्रदर्शित करता है। व्यावहारिक रूप से यह निर्माताओं के लिए एक दिशानिर्देश है जो विश्वसनीय उत्पादों के निर्माण के प्रति प्रोत्साहित करेगा। वहीं, दूसरी ओर जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे ईवी उद्योग को रफ्तार मिलेगी और लंबे समय तक यह उद्योग बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हो पाएगा।
नए नियम का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध
ज़ेन मोबिलिटी के संस्थापक और सीईओ, नमित जैन ने कहा कि एक ईवी कंपनी के रूप में ज़ेन मोबिलिटी आवश्यक सुरक्षा मापदंडों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए, हम सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बैटरी मापदंडों के नियम में किए गए संशोधनों का स्वागत करते हैं। यह ईवी उद्योग में सुरक्षा मानकों के लिए लंबे समय से अपेक्षित था। भविष्य में हमें विश्वास है कि सभी बैटरी निर्माता और इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली कंपनियां सुरक्षा को लेकर अधिक जिम्मेदारी से काम करेंगे। भारत में नए नियम को पालन करना सभी के लिए अच्छा होगा। नए नियम लागू होने से बैटरी सेल, पैक, बीएमएस आदि की गुणवत्ता में वृद्धि होगी। इससे इलेक्ट्रिक गाड़ी बनाने वाली कंपनियों को उपभोक्ताओं का विश्वास जीतने में मदद मिलेगी। इस प्रकार ये सुरक्षा नियम न केवल अप्रिय घटनाओं को रोकने में कारगर होंगे बल्कि आर्थिक नुकसान को कम करेंगे।
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