नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में तेजी आई है। इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक जितने भी इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है उनमें से 55 प्रतिशत दोपहिया वाहन हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से लेकर 14 मार्च तक कुल 10,707 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हुआ है, जिनमें से 5,888 दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन (ई-बाइक और ई-स्कूटर) हैं। बाकी के 45 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों में ई-रिक्शा, ई-कार, ई-बस, इलेक्ट्रिक हल्की मालवाहक गाड़ियां और ई-कार्ट हैं।
जनवरी में 1,760 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का पंजीकरण हुआ, जबकि फरवरी में ऐसे 2,383 वाहनों का पंजीकरण हुआ। वहीं, 14 मार्च तक कुल 1,745 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का पंजीकरण हो चुका है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘रुझान दिखाता है कि ई-बाइक और ई-स्कूटरों की मांग शहर में बढ़ रही है।’’ उन्होंने कहा कि शहर में आवश्यक चार्जिंग अवसंरचना विकसित करने के सरकार के प्रतिबद्ध प्रयास इसकी वजह हैं। आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से 14 मार्च के बीच दिल्ली में ई-कारों की संख्या भी बढ़ी है। जनवरी तक शहर में केवल 147 इलेक्ट्रिक कारों का पंजीयन हुआ था, फरवरी के अंत तक इनकी संख्या बढ़कर 205 हो गई और मार्च में अब तक 70 इलेक्ट्रिक कारों का पंजीकरण हो चुका है।
अधिकारी ने कहा कि अगस्त, 2020 में सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति की घोषणा के बाद ई-वाहनों की बिक्री बढ़ी है। उन्होंने बताया कि इसमें ई-दोपहिया वाहन और ई-रिक्शा की खरीद पर सब्सिडी देने का प्रावधान है और इसके लिए अधिकतम राशि 30,000 रुपये है, वहीं ई-कारों पर सब्सिडी अब नहीं मिलती।
ईवी नीति में, शहर में हर तीन किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन बनाने की भी बात है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी तक 1,022 ई-रिक्शा का पंजीकरण हुआ था और फरवरी में 1,172 का। मार्च में अब तक 586 ई-रिक्शा का पंजीकरण हो चुका है।
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