नई दिल्ली। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों की वजह से देश में इलेक्ट्रिक स्कूटर की डिमांड लगातार बढ़ रही है। सालान आधार पर ईवी वाहनों में 220.7% की बंपर बढ़त दर्ज की गई है। ऐसे में अगर आप अपने लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने की तैयारी कर रहे हैं तो कुछ बातों का खास ख्याल रखें। आइए जानते हैं कि इलेक्ट्रिक स्कूटर लेने से पहले किन 7 चीजों का जरूर जांच करें।
1.टेक्नोलॉजी
सबसे पहली चीज है टेक्नोलॉजी (प्रौद्योगिकी)। आप इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदें, इससे पहले वाहन के तकनीकी निर्देशों (टेक्निकल स्पेसिफिकेशंस) को जान लेना जरूरी है। इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी ई-स्कूटर की जान होती है। सबसे प्रचलित ऐम्पीअर ई-स्कूटर दो तरह की बैटरियों के साथ मिलते हैं- ली-आयन बैटरी और लेड एसिड बैटरी। बैटरी से इलेक्ट्रिक स्कूटरों की रेंज और स्पीड के बारे में पता चलता है।
2. गुणवत्ता
अगर आप भारी यातायात के बीच मुश्किल सड़कों से होकर गुजर रहे हैं, तो इलेक्ट्रिक स्कूटरों को इसके लिए पर्याप्त मजबूत होना चाहिए। सूचीबद्ध सभी ई-स्कूटरों को भरोसेमंद विशेषताओं के साथ लम्बे समय तक चलने लायक बनाया गया है। सबसे प्रचलित इलेक्ट्रिक स्कूटर उबड़-खाबड़ मार्गों और संकरी गलियों में चलाने में आसान होते हैं। बैटरियाँ और IP 65/67 एनक्लोजर पाने के प्रवेश से पूरी तरह सुरक्षित हैं।
3.विशेषताएं
ई-स्कूटरों का सबसे लुभावना हिस्सा है, जीवनशैली के अनुरूप होना। ई-स्कूटरों की पर्यावरण हितैषी सिद्धांत युवा समुदाय को आकर्षित कर रहा है। पर्याप्त लेग स्पेस और बूट स्पेस के साथ आधुनिक फैशन के स्कूटर बेहद आम ई-स्कूटर हैं। जहां तक सुरक्षा और आराम की बात है, तो ई-स्कूटरों में भारतीय नगरों और शहरों में सड़कों की बेतरतीब हालत को देखते हुए आवश्यक विशेषताओं की व्यवस्था है।
4.लाइसेंस
ई-स्कूटर खरीदने के पहले उसकी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन समबंधी बातों को जांच कर लेना आवश्यक है। 25 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम स्पीड वाले दोपहिया वाहन रजिस्ट्रेशन से मुक्त होते हैं। इन ई-स्कूटरों के लिए लाइसेंस रखने वाला कोई व्यक्ति स्कूटर का प्रयोग कर सकता है। इसमें कॉलेज के स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। ऊंची गति से प्रयोगकर्ता को अच्छी गति और शक्ति मिलती है।
5.किफायती
ई-स्कूटर के लिए अपना बजट तय करते वक्त यह ध्यान रखना जरूरी है कि इसकी कीमत ऊंची है। अनेक पहलू हैं जिन पर विचार करना चाहिए। भारत में यह स्थान-विशेष के आधार पर किफायती है। यह, इसमें इस्तेमाल की गई बैटरी के प्रकार पर निर्भर करता है। ली-आयन बैटरियां सामान्यतः अधिक कार्यकुशल और कार्यप्रदर्शन में बेहतर होती हैं, इसलिए इनकी कीमत लेड-एसिड बैटरियों से अधिक होती है। भारत में सबसे अधिक बिकने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटरों में सभी किफायती हैं। इसी प्रकार, ऐम्पीअर ई-स्कूटर को चलाने की लागत (रनिंग कास्ट) 15 पैसे प्रति किलोमीटर आती है। आप जब इलेक्ट्रिक स्कूटरों का चुनाव करते हैं तो आप ईंधन चालित वाहनों की तुलना में हर साल निःसंदेह रु.50,000/- की रकम बचा सकते हैं।
6.स्कूटर की रेंज
ई-स्कूटर की रेंज से यह निर्धारित होता है कि वे एक बार पूरा चार्ज होने पर कितनी दूरी तय कर सकते हैं। दैनिक आवाजाही के अनुसार आप एक ऐसा ई-स्कूटर का चुनाव कर सकते हैं जो आपकी ज़रुरत के अनुसार आवश्यक रेंज प्रदान करे। आमतौर पर ई-स्कूटर टॉप मॉडल की रेंज एक बार चार्ज करने पर 50 किलोमीटर से लेकर 75 किलोमीटर तक की होती है। आप स्पष्ट समझ के लिए अलग-अलग रेंज के विविध ई-स्कूटरों के कलेक्शन की जानकारी पता कर सकते हैं।
7.स्पीड
ई-स्कूटर जब बाजार में आए थे, तब हर कोई स्कूटर की स्पीड के बारे में सोच रहा था। अगर आपको ई-स्कूटर की अच्छी स्पीड मिले तो आपको मदद मिलेगी। भीड़ भरे यातायात में और संकरी गलियों से गुजरने के लिए इसकी गति न्यून है और तेज-गति स्कूटर के माध्यम से यह बढ़िया पिक अप पकड़ती है। उच्चतम-गति वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर कलेक्शन में बजाज, ऐम्पीअर, हीरो, एथर, बाउंस, और अनेक दूसरे ब्रांड सम्मिलित हैं। इन सभी का लक्ष्य अपनी लाइफस्टाइल में बाज़ार की बराबरी के लिए तेज-गति स्कूटर की दिशा में आगे बढ़ना है।
(लेखक: क्रेडआर के सह-संस्थापक और सीईओ, शशिधर नंदीगम हैं।)
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