Delhi Petrol Diesel Rule: Delhi में अपनी कार ड्राइव करने वाले ग्राहकों को अब हमेशा अपने पास प्रदूषण सर्टिफिकेट (Pollution Certificate) रखना होगा। क्योंकि सरकार के नए नियम के मुताबिक, बिना PUC के कोई भी पेट्रोल-डीजल नहीं खरीद पाएगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने शनिवार को कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए आप सरकार ने फैसला किया है कि 25 अक्टूबर से राष्ट्रीय राजधानी के पेट्रोल पंपों (Petrol Pump) पर पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण) प्रमाण पत्र के बिना पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।
जल्द जारी होगी अधिसूचना
मंत्री ने कहा कि पर्यावरण, परिवहन और यातायात विभागों के अधिकारियों की एक बैठक 29 सितंबर को बुलाई गई थी, जिसमें कार्य करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई थी, जहां 25 अक्टूबर से योजना को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए वाहनों का उत्सर्जन प्रमुख कारणों में से एक है।
राय ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इसे कम करना जरूरी है। इसलिए यह फैसला किया गया है कि 25 अक्टूबर से पेट्रोल पंपों पर बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान पर काम कर रही सरकार
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने और संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के प्रभावी और गंभीर कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए 3 अक्टूबर को अपना 24X7 वॉर रूम लॉन्च करेगी। मंत्री ने कहा कि दिल्ली में 6 अक्टूबर से धूल विरोधी अभियान भी चलाया जाएगा, जहां निर्माण स्थलों पर धूल प्रदूषण की जांच के लिए अचानक निरीक्षण किया जाएगा.
बिना मिश्रण वाले पेट्रोल, डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लागू करने का फैसला टला
सरकार ने मिश्रण के बगैर बिकने वाले पेट्रोल एवं डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लागू करने के फैसले को क्रमशः एक महीने और छह महीने के लिए टाल दिया है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार की रात को जारी एक गजट अधिसूचना में कहा कि इथेनॉल की मिलावट के बगैर बिकने वाले पेट्रोल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क अब एक नवंबर 2022 से लागू होगा। वहीं बायो-डीजल के मिश्रण के बगैर बिकने वाले डीजल पर यह शुल्क अब एक अप्रैल 2023 से लागू होगा।
सरकार ने इथेनॉल एवं बायो-डीजल के मिश्रण वाले ईंधन की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए बिना मिश्रण वाले पेट्रोल एवं डीजल पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की तैयारी में है। लेकिन इस फैसले को लागू करने के लिए उद्योग समुदाय को अधिक समय देने की कवायद के तौर पर समयसीमा को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रैल 2022 से शुरू वित्त वर्ष के लिए अपने बजट में क्रमश: इथेनॉल और बायो-डीजल के मिश्रण के बगैर बिकने वाले पेट्रोल और डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाने की घोषणा की थी। बिना मिश्रण वाले ईंधन पर यह अतिरिक्त उत्पाद शुल्क एक अक्टूबर 2022 से लागू होना था, लेकिन अब इसे आगे के लिए टाल दिया गया है।
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