Car Features: आज के समय में कार से सफर करना आम बात हो गई है। वो चाहें आपकी पर्सनल कार (Car) हो या किराए की, लेकिन कई चीज ऐसी है जो आप नहीं जानते हैं। कार के पीछे के शीशे में रेड लाइन (Red Line) क्यों होती है। ये लाइन्स सभी कारों में नहीं होती सिर्फ़ कुछ कारों में ही दी गई होती है। आख़िर ऐसा क्यों होता है और कंपनियां लाल रंग ही पीछे दे रही होती है? आज की ख़बर में हम आपको बताने वाले हैं।
दुर्घटना से बचने में मिलती है मदद
ऑटो कंपनियां गाड़ी के पीछे के शीशे में रेड लाइंस इसलिए देती हैं, ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से पैसेंजर्स को बचाया जा सकें। सर्दियों के दिनों जब गाड़ी के पीछे वाले शीशे पर फॉग जमा हो जाता है और ड्राइवर को पीछे नहीं दिखाई देता है तब वह स्टीयरिंग के पास दिए गए उस बटन को दबा देता है, जिससे पीछे की रेड लाइंस कनेक्ट होती है। उससे वह हिट होने लगती है। क्योंकि उन लाइंस से इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई होती है। गर्म होने से फॉग अपने आप कम हो जाता है और पीछे दिखाई देना शुरु हो जाता है।
रेड लाइन दूर से भी देती है दिखाई
लाल रंग एक ऐसा कलर होता है जो दूर तक देखने में हमारी मदद करता है। आपने ये भी नोटिस किया होगा कि खतरा का रंग लाल होता है। कार के पीछे जो लाइट दी गई होती है वह भी लाल कलर की ही होती है, जो यह सूचित करता है कि आगे कोई खतरा है। गाड़ी की रफ्तार धीमी कर लेनी चाहिए। यातायात में रेड लाइट का मतलब गाड़ी को या तो धीमा करना या फिर रोक देना होता है। जब आप रोड क्रॉस कर रहे होते हैं तब भी आपको रेड लाइट दिखता है। जो यह संकेत दे रहा होता है कि रेड लाइट हटने तक गाड़ी को सीमा रेखा से पहले रोक देनी है।
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