आने वाले समय में गाड़ी खरीदने के लिए आपको और जेब ढीली करनी होगी। दरअसल, गाड़ियों के दाम में 10 से 12 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान लगाया है। दरअसल, सरकार लगातार गाड़ियों को लेकर रूल और रेग्युलेशन में बदलाव कर रही है। इसके चतले वाहन कंपनियों की लागत में बढ़ोतरी हो रही है। वह इसका बोझ ग्राहकों पर डालेंगे, जिससे कीमत में वृद्धि होने की आशंका है।
इन बदलावों को किया गया लागू
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट में कहा कि घरेलू वाहन उद्योग इस समय त्वरित बदलावों के दौर से गुजर रहा है जिसमें सरकार का ध्यान उत्सर्जन मानकों, सुरक्षा प्रणालियों एवं अन्य मानदंडों को लागू करने पर है। इन मानकों के जरिये भारत को अन्य प्रमुख वाहन बाजारों के समान स्तर पर लाने की योजना है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘भारतीय वाहन उद्योग के भीतर वाणिज्यिक वाहन खंड पर विशेष ध्यान है। इसकी वजह यह है कि वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में वाणिज्यिक वाहनों की बड़ी हिस्सेदारी है। इसके अलावा चालक की सुविधा एवं सुरक्षा को बढ़ाने के उपाय भी लागू किए जा रहे हैं।’’
इस कारण कीमत में होगी बढ़ोतरी
इक्रा के मुताबिक, बहुत कम समय में वाहन उद्योग ने सख्त उत्सर्जन मानकों को अपनाया है और चालक की सुरक्षा एवं सुविधा को बढ़ाने के लिए प्रस्तावित मानकों को भी लागू किया है। लेकिन इनकी वजह से वाणिज्यिक वाहनों की कीमतें 10-12 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। आने वाले समय में घरेलू वाहन उद्योग में कुछ अन्य नियामकीय बदलाव भी होने वाले हैं। वाणिज्यिक वाहनों के चालक के केबिन में एयर कंडीशनर को जनवरी, 2025 से अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा आपात स्थिति में सुरक्षित ब्रेकिंग, चालक को सतर्क करने वाली प्रणाली और वाहन में आग लगने की स्थिति में अलार्म बजने जैसी प्रणालियां भी स्कूल बसों एवं शहरी परिवहन बसों में एक अक्टूबर, 2023 से लागू करने की तैयारी है।
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