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Hindi News पैसा ऑटो Budget 2024: EV मैनुफैक्चरर प्रोत्साहन में चाहते हैं स्टैबिलिटी, FAME III से पहले लॉन्ग टर्म सब्सिडी की डिमांड

Budget 2024: EV मैनुफैक्चरर प्रोत्साहन में चाहते हैं स्टैबिलिटी, FAME III से पहले लॉन्ग टर्म सब्सिडी की डिमांड

लेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजना के तीसरे संस्करण के अनावरण को लेकर उम्मीदें बहुत अधिक हैं। नई सब्सिडी व्यवस्था कम से कम दो से तीन साल तक चलने की है मांग।

FAME-II बंद होने के बाद इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में उल्लेखनीय गिरावट आई है। - India TV Paisa Image Source : FILE FAME-II बंद होने के बाद इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में उल्लेखनीय गिरावट आई है।

वित्त मंत्री इस महीने केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं। बाकी सेक्टर की तरह ही इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मैनुफैक्चरर्स  को भी इस बजट सरकार से काफी उम्मीदे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजना के तीसरे संस्करण के अनावरण को लेकर उम्मीदें बहुत अधिक हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ईवी निर्माताओं का एक वर्ग स्पष्ट और विस्तारित समयसीमा वाली सब्सिडी नीति की वकालत कर रहा है, जो पहले की अचानक कटौती के विपरीत है। कंपनियां स्थिरता की आवश्यकता पर जोर देते हैं।

नई सब्सिडी व्यवस्था दो से तीन साल तक चले

खबर के मुताबिक, एक कंपनी के निर्माता का कहना है कि नए बदलाव बहुत अचानक होते हैं, खासकर ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए, जिसमें बहुत समय लगता है। हम चाहते हैं कि नई सब्सिडी व्यवस्था कम से कम दो से तीन साल तक चले, ताकि उद्योग को वास्तव में लाभ मिल सके। सरकार ने भारत में (हाइब्रिड एवं) इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाना एवं उनका विनिर्माण करने की योजना फेम (FAME) को साल 2015 में शुरू किया। इसका मकसद था कि ईवी निर्माताओं को सब्सिडी प्रदान करके इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित किया जा सके, जिससे उत्पाद की कीमतें कम हो सकें। साल 2019 में शुरू किया गया दूसरा एडिशन  FAME-II, मार्च 2024 में अचानक समाप्त होने तक प्रभावी था।

FAME-II बंद होने से घट गई बिक्री

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके (FAME-II) बंद होने के बाद इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में उल्लेखनीय गिरावट आई है। खबर के मुताबिक, जब हितधारक केंद्रीय बजट की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं, EV उद्योग को इस क्षेत्र में विकास और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए एक स्थायी और सहायक नीति ढांचे की उम्मीद है।  कहा गया है कि भारत के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के अस्तित्व के लिए सब्सिडी अभी भी अहम है।

9-10 प्रतिशत यात्री वाहन इलेक्ट्रिक

आज करीब 21 प्रतिशत कार्गो वाहन और 9-10 प्रतिशत यात्री वाहन इलेक्ट्रिक हैं। बाजार को एक ऐसे स्तर पर पहुंचने के लिए दो से तीन साल और लगेंगे, जहां यह सब्सिडी के बिना खुद को बनाए रख सके। मार्च में, सरकार ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) की शुरुआत की, जिसका मकसद इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर को बढ़ावा देना है, साथ ही देश में EV मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को मजबूत करना है। नई योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सब्सिडी FAME-II की तुलना में प्रभावी रूप से आधी रह गई।

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