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Hindi News पैसा ऑटो इस ब्रांड की बाइक 1 जनवरी से हो जाएंगी महंगी, जानें खरीदारी पर कितना ज्यादा चुकाना होगा

इस ब्रांड की बाइक 1 जनवरी से हो जाएंगी महंगी, जानें खरीदारी पर कितना ज्यादा चुकाना होगा

कंपनी ने एक बयान में कहा कि कीमतों में यह बदलाव समग्र इनपुट लागत में वृद्धि और मुद्रास्फीति के दबाव के चलते किया गया है। यह ब्रांड देश में प्रीमियम मोटरसाइकिल और स्कूटर की एक सीरीज बेचता है।

लागत में बढ़ोतरी की वजह से कंपनी ने दाम में बढ़ोतरी का फैसला लिया है।- India TV Paisa Image Source : FILE लागत में बढ़ोतरी की वजह से कंपनी ने दाम में बढ़ोतरी का फैसला लिया है।

ऑटोमोबाइल कंपनियों ने एक के बाद एक नया साल शुरू होते ही गाड़ियों या वाहनों की कीमत में इजाफा करने का ऐलान करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में शामिल होते हुए अब जर्मन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर कंपनी बीएमडब्ल्यू की टू व्हीलर यूनिट BMW Motorrad ने शुक्रवार को कहा कि वह 1 जनवरी, 2025 से अपने सभी मॉडल रेंज की कीमतों में 2. 5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करेगी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, कंपनी ने एक बयान में कहा कि कीमतों में यह बदलाव समग्र इनपुट लागत में वृद्धि और मुद्रास्फीति के दबाव के चलते किया गया है।

कंपनी का अपना तर्क

खबर के मुताबिक, कंपनी ने कहा कि यह फैसला क्ववालिटी, प्रदर्शन और ब्रांड अनुभव के मामले में BMW Motorrad उत्कृष्टता के उच्च मानकों और लाभप्रदता को सुनिश्चित करने में सहायता करेगा। कंपनी ने आधिकारिक तौर पर अप्रैल 2017 में BMW समूह की भारतीय सहायक कंपनी के रूप में अपना ऑपरेशन शुरू किया। यह ब्रांड देश में प्रीमियम मोटरसाइकिल और स्कूटर की एक सीरीज बेचता है। BMW Motorrad भारत में BMW G 310 R और BMW G 310 GS  सहित अन्य दोपहिया वाहनों की बिक्री करती है।

बीएमडब्ल्यू-मर्सिडीज कर चुकी है ऐलान

बीएमडब्ल्यू इंडिया ने पहले ही अगले साल जनवरी से अपनी संपूर्ण कार रेंज की कीमतों में 3 प्रतिशत तक की वृद्धि करने की घोषणा की है। इस महीने की शुरुआत में, मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने अगले महीने से भारत में अपने वाहनों की कीमतों में 3 प्रतिशत तक की वृद्धि करने की घोषणा की थी। साल के आखिर में ज्यादातर कंपनियां नए साल में गाड़ियों की कीमत में बढ़ोतरी की घोषणा करती हैं। इन कंपनियों के अलावा, आने वाले दिनों और भी कई ऑटोमोबाइल कंपनियों की तरफ से दाम में बढ़ोतरी करने की घोषणाएं सामने आएंगी। साथ ही अधिकांश कंपनियां इसके पीछे का तर्क इनपुट कॉस्ट में बढ़ोतरी के तौर पर देती हैं।

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