दुनिया में यात्री बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) यूनिट की बिक्री इस साल तीसरी तिमाही में 29 प्रतिशत (साल-दर-साल) बढ़ी है। सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीईवी की वार्षिक बिक्री 2023 के अंत तक लगभग 1 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। वहीं, आपूर्ति में देरी संबंधी जोखिमों और चार्जिंग स्टेशनों की कमी के बावजूद अगले वित्त वर्ष 2024-25 में कुल बस बिक्री में इलेक्ट्रिक बसों (ई-बसों) की हिस्सेदारी दोगुनी होकर आठ प्रतिशत हो जाएगी। क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट ने यह जानकारी दी है।
ईवी मार्केट में चीन का दबदबा कायम
चीन ने हालांकि बीईवी के लिए शीर्ष वैश्विक बाजार के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी, लेकिन कमजोर आर्थिक दृष्टिकोण और तीव्र मूल्य प्रतिस्पर्धा के कारण देश की बिक्री को अपनी गति को ठीक करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। काउंटरप्वाइंट के 'ग्लोबल पैसेंजर इलेक्ट्रिक व्हीकल मॉडल सेल्स ट्रैकर' के अनुसार, तीसरी तिमाही के दौरान चीन की बीईवी बिक्री वैश्विक औसत से केवल 11 प्रतिशत कम बढ़ी। फिर भी, चीनी ब्रांडों ने विदेशों में 0.13 मिलियन से अधिक बीईवी सफलतापूर्वक बेचीं, जो कि 2022 की तीसरी तिमाही की तुलना में चार गुना वृद्धि है।
टेस्ला को बीवाईडी से मिली कड़ी टक्कर
टेस्ला, बीवाईडी ऑटो और वोक्सवैगन एजी सबसे अधिक बिकने वाले बीईवी समूह थे। बीवाईडी ऑटो (डेन्ज़ा को छोड़कर) ने टेस्ला के साथ बराबरी कर ली है और उम्मीद है कि वह चौथी तिमाही में इसे पार कर वैश्विक स्तर पर बढ़त बनाएगी। वरिष्ठ विश्लेषक सौमेन मंडल ने कहा, “चीन के पास अभी भी वैश्विक बीईवी बाजार का 58 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि अमेरिका का लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा है। जर्मनी, तीसरा सबसे बड़ा बीईवी बाज़ार भी सालाना 60 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया। किफायती विकल्पों की उपलब्धता के कारण भारत और दक्षिण पूर्व एशिया जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भी बीईवी अपनाने की संख्या बढ़ रही है।“
इलेक्ट्रिक बसों की हिस्सेदारी दोगुनी होने की उम्मीद
आपूर्ति में देरी संबंधी जोखिमों और चार्जिंग स्टेशनों की कमी के बावजूद अगले वित्त वर्ष 2024-25 में कुल बस बिक्री में इलेक्ट्रिक बसों (ई-बसों) की हिस्सेदारी दोगुनी होकर आठ प्रतिशत हो जाएगी। क्रिसिल रेटिंग्स ने सोमवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि सहायक नीति उपायों और अनुकूल स्वामित्व लागत के चलते ऐसा होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया कि सार्वजनिक परिवहन पर जोर देने के साथ ही कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के कारण कुल बस बिक्री में ई-बसों की हिस्सेदारी बढ़ेगी। अगले वित्त वर्ष में नयी बिक्री में ई-बसों की हिस्सेदारी चालू वित्त वर्ष के लगभग चार प्रतिशत से बढ़कर आठ प्रतिशत हो जाएगी। हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए शुरू की गई फेम योजना और राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक बस कार्यक्रम (एनईबीपी) के तहत ई-बसों का उपयोग करने के लिए ठोस प्रयास चल रहे हैं।
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