तेजी से बढ़ते ईवी वाहनों के डिमांड के बीच बैटरी चार्जिंग बनी बड़ी समस्या, क्या सिर्फ सोलर एनर्जी है एकमात्र उपाय?
Battery Charging: 2 Wheeler EV वाहन की अधिकांश आबादी के लिए अफोर्डेबल है। माइलेज फैक्टर भी अब चिंता का विषय नहीं है। बैटरी चार्जिंग आज भी एक समस्या बनी हुई है।
EV Vehicles Solar Energy: ईवी वाहनों की लोकप्रियता हर रोज भारत में बढ़ रही है। हर छोटी-बड़ी कंपनियां अपने यहां ईवी को तवज्जों देते हुए उससे संबंधित वाहन लॉन्च करने की कोशिश में है। स्कूटर से लेकर तिपहिया वाहन और कार तक अब इलेक्ट्रिक हो गए हैं। पिछले कुछ वर्षों में दुनिया के अन्य देशों में भी ईवी की मांग बढ़ी है। दुनिया के अधिकांश देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को लेकर बढ़ते रुझान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वर्तमान में उपलब्ध ईंधन-आधारित पारंपरिक वाहनों की संख्या में आने वाले कुछ वर्षों में तेजी से गिरावट देखने को मिलेगी। इन सभी संभावनाओं के बीच एक बड़ी समस्या ईवी वाहन को चलाने में इस्तेमाल होने वाली बिजली को पैदा करने को लेकर है। कंपनियां ईवी तो बना रही है, लेकिन उसे चार्ज करने के दूसरे ऑप्शन पर अभी उतनी प्रमुखता से काम करती हुई नहीं दिख रही है। एक कंपनी है जो इस समस्या के समाधान के लिए तेजी से काम कर रही है। आज हम उसपर बात करेंगे।
सिर्फ ईवी वाहन नहीं है समस्या
भारत में बिजली का उत्पादन सबसे अधिक कोयला से होता है। कुल बिजली का लगभग 60 फीसदी से अधिक का हिस्सा कोयला और भूरा कोयला से पैदा होता है, जबकि जल विद्युत परियोजनाओं से लगभग 22 फीसदी बिजली का उत्पादन किया जाता है। यानि इसको आसान भाषा में समझा जाए तो अगर ईवी से चलने वाली गाड़ियां मार्केट में अपनी पकड़ जमा लेती हैं, तो जिस समस्या से निजात पाने के लिए ईवी इंडस्ट्री को सरकार प्रमोट कर रही है वह वैसी की वैसी ही बनी रहेगी। वह है पारंपरिक इंधन से पैदा होने वाला प्रदूषण। क्योंकि प्रदूषण कोयला से बिजली निकालने में भी पैदा होता है। इसका एक ही समाधान है कि सोलर से पैदा होने वाली बिजली पर तेजी से काम किया जाए।
ये हो सकता है समाधान?
Aponyx Electric Vehicles के फाउंडर & चेयरमैन एमएस चुघ(MS Chugh) इस समस्या के समाधान को लेकर बताते हैं कि उनकी कंपनी ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की है जो ईवी को सीधे सोलर से चार्ज करेगी। कंपनी ने उसका नाम कोहिनूर रखा हुआ है। यह एक चार्जर है जो धूप से बैटरी चार्ज करने में सक्षम होगा। अगर कभी धूप नहीं होती है तो कंपनी उसके साथ एक बैटरी बैकअप देगी जो वाहन को चार्ज करने का काम करेगी।
एमएस चुघ को गोल्फ कार्ट रखरखाव के अपने मूल्यांकन के लिए पहचान मिली क्योंकि वह इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में एक प्रसिद्ध नाम थे। इस प्रकार, उन्होंने उस समय गोल्फ कार्ट की मरम्मत करना स्वीकार किया जब भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में कोई नहीं जानता था और भारतीय गोल्फ क्लब में कार्ट पहुंचाने से पहले तकनीकी स्पेयर पार्ट्स की खरीद के लिए चीन की यात्रा की और फिर पूरे भारत में गोल्फ कार्ट के लिए सर्विस देने का काम शरू किया। वर्तमान में एपोनिक्स ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, इलेक्ट्रिक साइकिल, सीनियर सिटीजन और विकलांगों के लिए इलेक्ट्रिक ट्राई-बाइक, इलेक्ट्रिक यात्री ऑटो और कार्गो लोडर को अपने प्लांट में तैयार किया है। एपोनिक्स एसी/डीसी सोलर चार्जिंग स्टेशन भी लेकर आया है।