फिर नहीं होंगे रोड एक्सीडेंट? नितिन गडकरी ने कार कंपनियों को बताया सुरक्षा का मंत्र
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, भारत अगले पांच साल में दुनिया का वाहन विनिर्माण केंद्र बन सकता है, लेकिन इसके लिए वाहन कंपनियों को सड़क हादसों में मृत्यु दर कम करने के लिए सुरक्षा संबंधी खूबियां (फीचर) बढ़ाने की जरूरत है।
भारत में हर साल लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। सरकार देश भर में रेड जोन की तलाश कर रही है, लेकिन दुर्घटनाओं में बड़ी कमी नहीं दिखाई दी है। ग्रेटरनोएडा में चल रहे आटो एक्सपो में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कार निर्माता कंपनियों को देश में एक्सीडेंट घटाने का मंत्र दिया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, भारत अगले पांच साल में दुनिया का वाहन विनिर्माण केंद्र बन सकता है, लेकिन इसके लिए वाहन कंपनियों को सड़क हादसों में मृत्यु दर कम करने के लिए सुरक्षा संबंधी खूबियां (फीचर) बढ़ाने की जरूरत है। गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2024 के अंत तक सड़क हादसों में 50 प्रतिशत तक कमी लाने का है। उन्होंने वाहन उद्योग से सड़क सुरक्षा के मामले में स्वत: कार्रवाई करने के लिए कहा क्योंकि ‘सरकार इसे अनिवार्य नहीं करना चाहती’ है।
दुनिया के 1% वाहन 11% मौतों के जिम्मेदार
भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने भी गडकरी की बात का समर्थन करते हुए इस तथ्य पर दुख जताया कि भारत में पूरी दुनिया के सिर्फ एक प्रतिशत वाहन हैं जबकि पूरी दुनिया में सड़क दुर्घटना में मौतों के मामले भारत में 11 प्रतिशत हैं। गडकरी ने कहा, ‘‘जहां तक विनिर्माण की बात है, तो हम भारतीय वाहन उद्योग को दुनिया में सबसे ऊपर ले जाना चाहते हैं लेकिन जब सड़क हादसों की बात आती है, तो हमारा लक्ष्य 2024 के अंत तक इनमें 50 प्रतिशत कमी लाने का है।’’ उन्होंने कहा कि सड़क हादसों में 18-34 वर्ष आयुवर्ग के युवा लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सड़क ढांचे में सुधार के साथ वाहनों की रफ्तार भी बढ़ गई है।
5 साल में दुनिया का आटो हब होगा भारत
गडकरी ने कहा, ‘‘मैं आप लोगों को फिर से शुभकामनाएं देता हूं कि पांच साल के अंदर भारतीय वाहन उद्योग दुनिया में सबसे बड़ा विनिर्माण केंद्र बन जाएगा और आप में यह क्षमता है। यह मुश्किल है लेकिन पूरी तरह असंभव नहीं है।’’ मंत्री ने उद्योग के कबाड़ (स्क्रैप) क्षेत्र में भी मंत्रालय के सहयोग की उम्मीद जताई। उन्होंने कबाड़ नीति के कारण बिक्री में 24 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाते हुए कहा, ‘‘कबाड़ के मामले में वाहन कंपनियों के लिए कच्चे माल की लागत में 33 प्रतिशत की कमी के साथ बिक्री में 10-12 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। जो लोग अपने वाहन को कबाड़ बनाने वाले हैं, वे निश्चित रूप से नया वाहन खरीदेंगे।’’
स्क्रैप कराने वाले ग्राहकों को मिले छूट
उन्होंने कंपनियों को सलाह दी कि उन्हें कबाड़ प्रमाणपत्र दिखाने वाले ग्राहकों को नए वाहनों की खरीद पर छूट देनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम भी इसमें वित्त मंत्रालय से कुछ छूट लेने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अगर आप कुछ छूट दे सकते हैं तो इससे आपको लाभ होगा क्योंकि आपका कारोबार और मुनाफा बढ़ेगा।’’