नयी दिल्ली। टाटा मोटर्स देश को इलेक्ट्रिक वाहनों की राह पर आगे ले जाने वाले बदलाव की अगुआ बनने के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह के वाहनों के लिए एक व्यवहारिक वातावरण बनाने के लिए कंपनी अन्य समूहों के साथ मिलकर काम करेगी। यह कहना है टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन का।
चंद्रशेखरन ने टाटा मोटर्स की वार्षिक रपट 2018-19 में कहा कि बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहन भारत के लिए अनिवार्य हैं। कंपनी के शेयरधारकों को दिए संदेश में उन्होंने कहा कि आपकी कंपनी इस बदलाव में अगुआ बनने के लिए प्रतिबद्ध है। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाए जाने के लिए व्यवहारिक वातावरण बनाने के लिए कंपनी अन्य कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगी।
हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि इस पूरे बदलाव को सरकार के साथ मिलकर सही तरीके से आगे बढ़ाना होगा। इस क्षेत्र में मांग को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दिए गए हैं और पूरी मूल्य श्रृंखला में उत्सर्जन नियमों का पालन कर सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया जाएगा।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को पेश आम बजट में कई राहतों की घोषणा की है। इसमें ई-वाहन की खरीद को लिए गए बैंक ऋण पर डेढ़ लाख रुपये की अतिरिक्त आयकर कटौती का प्रस्ताव किया गया है।
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