नयी दिल्ली। भारत के वाहन उद्योग के विकास की कहानी जल्द 'ढह' सकती है। टाटा मोटर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक गुंटेर बुश्चेक ने गुरुवार को वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम (SIAM) के सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। बुश्चेक ने कहा कि उपभोक्ता धारणा कमजोर होने और नकदी की कमी की वजह से वाहन उद्योग की बिक्री में जोरदार गिरावट आ रही है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार द्वारा हालिया घोषित उपायों से वाहन उद्योग सतर्कता से मौजूदा स्थिति से उबर सकता है।
उन्होंने कहा, 'वास्तव में यह एक नाटकीय तरीका है और इसे पूरा करें। भारत के वाहन उद्योग के विकास की कहानी समाप्त होने वाली है।' बाद में अलग से बातचीत में अपने बयान को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने पहली तिमाही में प्रकाशित आंकड़े देखे हैं। उसके बाद जुलाई और अगस्त के आंकड़े भी देखे हैं। मैंने यह नहीं कहा कि कहानी समाप्त हो गई है। यह कहा है कि समाप्त होने वाली है।'
उन्होंने कहा कि वाहन विनिर्माता इस चुनौती से निपटने के लिए उत्पादन को मांग से समायोजित कर रहे हैं। इस साल के दौरान 'ब्लॉक क्लोजर' एक प्रमुख शब्द बन चुका है। सरकार के हालिया कदमों का स्वागत करते हुए बुश्चेक ने उम्मीद जताई कि चीजें बदलेंगी लेकिन आगे का रास्ता काफी चुनौतीपूर्ण है।
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