पुणे। कार बनाने वाली चेक गणराज्य की कंपनी स्कोडा ऑटो और फॉक्सवैगन ग्रुप इंडिया ने शनिवार को यहां एक नए प्रौद्योगिकी केंद्र की शुरूआत की। यह केंद्र कंपनी के चाकन स्थित विनिर्माण संयंत्र में स्थापित किया गया है। इस प्रौद्योगिकी केंद्र में करीब 250 इंजीनियरों को रोजगार मिलेगा, जो भारतीय बाजार के अनुरूप वाहन विकसित करने की दिशा में काम करेंगे। यह कंपनी की इंडिया 2.0 परियोजना का हिस्सा है।
स्कोडा और फॉक्सवैगन, देश में शोध एवं विकास परियोजनाओं पर संयुक्त रूप से 25 करोड़ यूरो (करीब 2,000 करोड़ रुपए) का निवेश कर रही हैं। भारत में फॉक्सवैगन समूह का नेतृत्व स्कोडा के हाथों में है।
इस नए प्रौद्योगिकी केंद्र के उद्घाटन के मौके पर चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस मौजूद रहे। साथ ही स्कोडा ऑटो के प्रौद्योगिकी विकास के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य क्रिस्चियन स्ट्रूब और फॉक्सवैगन ग्रुप इंडिया के प्रमुख गुरप्रताप बोपाराई मौजूद रहे।
यह केंद्र करीब 250 इंजीनियरों को रोजगार देगा जो भारतीय बाजार के अनुरूप वाहन विकसित करने की दिशा में काम करेंगे। इंडिया 2.0 परियोजना का लक्ष्य समूह के दो संयंत्र पुणे और औरंगाबाद की क्षमताओं का विस्तार करना है। इस परियोजना के तहत विकसित किए जाने वाले वाहनों में 95 प्रतिशत स्थानीयकरण के लक्ष्य को सुनिश्चित किया जाएगा।
इस मौके पर बाबिस ने कहा कि उन्हें खुशी है कि स्कोडा ऑटो भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है और इस तरह का महत्वपूर्ण निवेश कर रही है। हकीकत तो यह है कि स्कोडा यहां भारत में मौजूद व्यापक संभावनाओं वाले बाजार के लिए बेहतर अवसरों का निर्माण कर रहा है जो ब्रांड के तौर पर कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति को दिखाता है।
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