नई दिल्ली। देश से यात्री वाहनों का निर्यात 2018-19 की पहली तिमाही में 7.37 प्रतिशत घटा। वाहन कंपनियों ने इस दौरान घरेलू बाजार पर ध्यान केंद्रित किया साथ ही प्रमुख विदेशी बाजारों में स्थानीय मुद्दों से भी निर्यात पर प्रतिकूल असर रहा। वाहन विनिर्माताओं के शीर्ष संगठन सियाम के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून की अवधि में यात्री वाहन निर्यात घटकर 1,67,161 वाहन रहा। यह 2017-18 की समान अवधि में 1,80,464 वाहन रहा था।
आलोच्य तिमाही में हुंदै मोटर इंडिया के अलावा अन्य सभी प्रमुख यात्री वाहन कंपनियों की विदेश बिक्री में गिरावट आई। हुंदै मोटर ने पहली तिमाही में 39,425 वाहनों का निर्यात किया जो बीते साल की समान अवधि की तुलना में 18.9% अधिक है। कंपनी घरेलू व निर्यात बाजारों की जरूरत के हिसाब से अपने चेन्नई संयंत्र से उत्पादन को संतुलित कर रही है।
वहीं इसी दौरान फोर्ड इंडिया का निर्यात 27.67 प्रतिशत घटकर 35,358 इकाई रहा। फोर्ड इंडिया के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ नये मॉडल फ्रीस्टाइल को पेश करने की तैयारियों के बीच आलोच्य तिमाही में निर्यात घटा।’’ इसके साथ ही अधिकारी ने कहा कि कंपनी भारतीय बाजार पर अधिक ध्यान दे रही है। इसी तरह मारुति सुजुकी का यात्री वाहन निर्यात पहली तिमाही में 25,724 वाहन रहा।
अन्य प्रमुख कंपनी फाक्सवैगन इंडिया ने आलोच्य तिमाही में 21,388 वाहन निर्यात किए जो तुलनात्मक रूप से 19.52 प्रतिशत की गिरावट दिखाता है। इसी तरह जनरल मोटर्स (जीएम) इंडिया का निर्यात पहली तिमाही में 3.41% घटकर 20,543 इकाई रहा। निसान मोटर्स इंडिया का यात्री वाहन निर्यात भी अप्रैल जून तिमाही में 28.73% घटा। रैनो इंडिया का निर्यात इस दौरान 23.85 बढ़कर 3,942 इकाई हो गया।
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