नई दिल्ली। जर्मनी की वाहन कंपनी फॉक्सवैगन वापस मंगाए गए कुल 3.4 लाख डीजल वाहनों में से केवल 30 फीसदी को ही दुरूस्त कर पायी है। भारत में इन वाहनों में कंपनी ने उत्सर्जन परीक्षण के दौरान धोखाधड़ी के इरादे से उपकरण लगाए थे। फॉक्सवैगन ग्रुप इंडिया ने कहा कि प्रक्रिया में देरी हुई है क्योंकि इसमें अलग-अलग ब्रांड, इंजन तथा मॉडल शामिल हैं।
कंपनी के मुख्य कार्यालय ने अब तक वापस मंगाये गए करीब 70 फीसदी वाहनों के इंजन को उन्नत बनाने की मंजूरी दी है। फॉक्सवैगन ग्रुप इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कुल मिलाकर पिछले महीने के अंत तक ऐसे वाहनों में से 30 फीसदी के इंजन को ही दुरूस्त किया जा सका है। यह भी पढ़ें : टाटा मोटर्स की इलेक्ट्रिक बसों की टेस्ट ड्राइव शुरू, एक बार चार्ज करने पर चली 160 किलोमीटर
समूह ने दिसंबर 2015 में 2008 से नवंबर 2015 तक देश में बेचे गए विभिन्न ब्रांड के 3.4 लाख वाहनों को वापस मंगाने की घोषणा की थी। इसमें ऑडी, फॉक्सवैगन और स्कोडा शामिल हैं। सरकार की जांच में यह पाया गया था कि वाहन कंपनी की EA 189 डीजल इंजन में ऐसे उपकरण लगे हैं जिससे उत्सर्जन परीक्षण में धोखाधड़ी में कंपनी को मदद मिलती है। कंपनी ने पिछले साल वापस मंगाये गए वाहनों के इंजन को दुरूस्त करने की घोषणा की थी। यह भी पढ़ें : अगले महीने लॉन्च होगी नई मारुति सुजुकी Dzire, कंपनी ने जारी किया इसका पहला स्केच
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