ओला को चलाने वाली एएनआई टेक्नोलॉजीज के मुताबिक वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान कंपनी का रेवेन्यू बढ़कर 758.23 करोड़ रुपए पहुंच गया जो कि पिछले वित्त वर्ष में 103.77 करोड़ रुपए था। रिसर्च एंड अनालिटिक्स फर्म टोफलर की को-फाउंडर आंचल अग्रवाल ने कहा कि घाटे की वास्तविक राशि में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, लॉस मार्जिन में महत्वपूर्णरुप से कमी आई है। उन्होंने कहा कि 2014-14 में ओला एक रुपए में कमाने के लिए करीब 8.5 रुपए खर्च करती थी जो कि 2015-16 घटकर करीब 4 रुपए रह गई है। कंपनी ने हाल ही में जो इनसेंटिव्स खत्म किए हैं उससे संभव है कि लॉस मार्जिन में और कमी आई हो। अग्रवाल का मानना है कि लॉस मार्जिन आने वाले दिनों में घटकर 2-3 रुपए आ सकता है जो अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के तुलनीय है।
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