नई स्क्रैप पॉलिसी के बाद पुराने वाहनों को चलाना पड़ेगा महंगा, शुल्कों में होगी भारी बढ़ोतरी
15 साल से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए शुल्क को मौजूदा 200 रुपये से बढ़ाकर कैब के लिए लगभग 7500 रुपये और ट्रक के लिए 12,500 रुपये तक किया जाएगा।
नई दिल्ली। देश में स्वैच्छिक स्क्रैपिंग पॉलिसी लागू होने के बाद 15 साल पुराना वाहन चलाना काफी महंगा पड़ेगा। पुराने व अनफिट वाहनों को परिचालन से बाहर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मता सीतारमण ने सोमवार को बजट-2021 भाषण में 20 साल पुराने निजी वाहनों और 15 साल पुराने वाणिज्यिक वाहनों के लिए स्वैच्छिक स्क्रैपिंग पॉलिसी लाने की घोषणा की है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जल्द ही इस पॉलिसी के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। उन्होंने इस पॉलिसी को ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और उपभोक्ता दोनों के लिए फायदेमंद बताया है।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक स्वैच्छिक स्क्रैपिंग पॉलिसी लागू होने के बाद 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट की लागत मौजूदा स्तर से 62 गुना अधिक होगी। इसी प्रकार प्राइवेट वाहन का रजिस्ट्रेशन रिन्यू करवाने के लिए 8 गुना अधिक शुल्क चुकाना होगा। इसके अलावा प्रत्येक राज्य सरकार ऐसे वाहनों के लिए रोड टैक्स के अलावा एक ग्रीन टैक्स भी लगाएंगी, जिसका भुगतान प्रत्येक वाहन मालिक को करना होगा।
सड़क परिवहन मंत्रालय अगले दो हफ्तों में व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा करेगा। सूत्रों ने बताया कि 15 साल से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए शुल्क को मौजूदा 200 रुपये से बढ़ाकर कैब के लिए लगभग 7500 रुपये और ट्रक के लिए 12,500 रुपये तक किया जाएगा। मोटर वाहन अधिनियम के तहत 8 साल से अधिक पुराने वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट को हर साल रिन्यू कराना अनिवार्य है।
सूत्रों ने बताया कि हर साल फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए अधिक शुल्क लगाने से पुराने वाहनों को चलाने से लोगों को हतोत्साहित किया जा सकेगा। 15 साल से अधिक पुराने प्राइवेट वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन चार्ज भी बढ़ाया जाएगा। दो-पहिया के लिए यह चार्ज मौजूदा 300 रुपये से बढ़कर 1000 रुपये और कार के लिए 600 रुपये से बढ़कर 5000 रुपये हो जाएगा।
टाटा मोटर्स के सीईओ और एमडी गुंतेर बुश्चेक ने कहा कि बजट में स्वैच्छिक व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए स्वागत योग्य है। इससे पुराने और अनफिट वाहनों को बाहर करने और शहरी इलाकों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। स्वच्छ ईंधन पर भी सरकार ने इस बजट में जोर दिया है, जो स्वच्छ भारत के लिए बहुत जरूरी है।
ऑटो आई केयर के संस्थापक सागर जोशी ने कहा कि ऑटो स्क्रैपेज पॉलिसी से इलेक्ट्रिक और स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार को इलेक्ट्रिक व्हीकल या नया वाहन खरीदने वालों को सस्ता लोन, डिस्काउंट आदि उपलब्ध कराने पर विचार करना चाहिए। जेबीएम ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर निशांत आर्या का कहना है कि व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी से नए वाहनों की मांग पर सीधा असर पड़ेगा। यह लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे ईवी की मांग भी बढ़ेगी। बिग बाई टॉयज के संस्थापक और सीईओ जतिन आहूजा ने कहा कि व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए एक बड़ी घोषणा है। इससे उपभोक्ताओं और इंडस्ट्री दोनों को फायदा होगा।
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