हर 12 सेकेंड में मारुति तैयार करती है एक कार, कंपनी ने बनाई फ्यूचर के लिए ये बड़ी योजना
गुरुग्राम और मानेसर में मारुति सुजुकी इंडिया की बड़ी कार फैक्ट्रियां 21वीं सदी की जरुरतों के साथ तालमेल कायम रखने के लिए नई टेक्नोलॉजी अपना रही हैं।
नई दिल्ली। गुरुग्राम और मानेसर में मारुति सुजुकी की बड़ी कार फैक्ट्रियां 21वीं सदी की जरुरतों के साथ तालमेल कायम रखने के लिए नई टेक्नोलॉजी अपना रही हैं। इन फैक्ट्रियों में कंपनी 20000 कर्मचारी और 2400 से ज्यादा रॉबोटों की मदद से हर 12 सेंकेंड पर एक कार तैयार करते हैं। आपको बता दें कि देश में में बिकने वाली हर दूसरी मोटर कार मारुति सुजुकी की होती है। इसीलिए कंपनी आगे भी अपनी बादशाहत बरकरार रखने के लिए नई योजना बना रही है। यह भी पढ़े: 2020 तक विश्व का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार होगा भारत : सुजुकी
कंपनी 2020 के लिए कर रही है तैयारी
कंपनी ने पहले से ही 2020 से भी आगे की अपनी जरूरतों को देखना शुरु कर दिया है। तब तक इसका लक्ष्य साल में दो लाख वाहन बेचने का है। वास्तव में कंपनी अगले दशक में साल में 30 लाख वाहनों की बिक्री का लक्ष्य लेकर चल रही है। यह भी पढ़े: मारुति ने एक साल में बेची 1.1 लाख विटारा ब्रेजा, ग्राहकों को करना पड़ रहा है 20 हफ्तों का इंतजार
कंपनी ने बनाई नई योजना
मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के कार्यकारी निदेशक राजीव गांधी कहते है कि बाजार में वर्चस्व बनाए रखने के लिए विनिर्माण कार्य की चुनौती बड़ी है। उन्होंने कहा कि इस चुनौती का सामना करने के लिए कंपनी विनिर्मण के विभिन्न कार्यों के लिए नयी नई टेक्नोलॉजी ला रही है। पुख्ता इंतजाम के लिए 5100 से अधिक तरह के उपकरण स्थापित किए गए हैं। यही कारण है कि 93 फीसदी वाहन तैयार वाहनों में दोबारा हाथ लगाने की जरूरत नहीं होती। यह भी पढ़े: दुनिया की 10 बड़ी कार कंपनियों में शामिल हुई Maruti, ग्रोथ में निकली सबसे आगे
तस्वीरों में देखिए अर्बन क्रॉस
Fiat urban cross
35 साल पहले बनाई थी 800cc वाली मारुति
35 साल पहले एक ऐसा समय था जब कंपनी ने गुरुग्राम की इस फैक्ट्री ऐतिहासिक एम 800 मॉडल निकाला था । तब करीब 900 लोग काम करते थे और स्वचालन की नाममात्र थी। फैक्ट्रियों में फिलहाल 4000 से अधिक ट्रक चक्कर काटते रहते हैं जो कलपुर्जे पहुंचाते हैं और तैयार वाहन ले जाते हैं। इन फैक्ट्रियों में साल में करीब 280 दिन काम चलता है तथा 16 मॉडल एवं 1100 संस्करणों के साथ 15 लाख वाहन साल में बनकर तैयार होते हैं।
तस्वीरों में देखिए कैसी दिखती है जीप रैंगलर