M&M के सामने भी खड़ी हुई सेमीकंडक्टर कमी की समस्या, सितंबर में उत्पादन 25% घटाएगी
एमएंडएम ने कहा कि ट्रैक्टर ऑपरेशन, एक्सपोर्ट, ट्रक और बस बिजनेस एवं थ्री-व्हीलर प्रोडक्शन पर इसका कोई असर नहीं होगा।
नई दिल्ली। ऑटोमोटिव मैन्यूफैक्चरर महिंद्रा एंड महिंद्रा ने गुरुवार को कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से उसके सभी प्लांट्स में लगभग 7 दिनों तक प्रोडक्शन को बंद रखा जाएगा जिसकी वजह से कंपनी के ऑटोमोटिव डिवीजन में उत्पादन 25 प्रतिशत कम होगा। कंपनी ने कहा कि ऑटोमोटिव डिवीजन निरंतर सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में कमी का सामना कर रहा है। दुनिया के कुछ हिस्सों में कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में बाधा आ रही है।
कंपनी ने कहा कि इस वजह से सितंबर में उसके ऑटोमोटिव डिवीजन प्लांट्स में लगभग 7 दिनों तक उत्पादन बंद रखा जाएगा। कंपनी ने कहा कि इस कदम से सितंबर, 2021 में उसके उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत कमी आने की आशंका है। अगस्त में कंपनी ने घरेलू बाजार में 15,973 यात्री वाहनों की बिक्री की थी, पिछले साल समान माह में यह संख्या 13,651 इकाई थी।
एमएंडएम की ऑटोमोटिव डिवीजन के चाकन, नाशिक, कांदिवली, जहीराबाद और हरिद्वार में विनिर्माण संयंत्र हैं। हालांकि, कंपनी ने कहा कि इससे उसकी नई एसयूवी XUV7OO के प्रोडक्शन और लॉन्च पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनी ने कहा कि नई एसयूवी के लिए बुकिंग शुरू होने की तारीख का जल्द ही ऐलान किया जाएगा।
एमएंडएम ने कहा कि ट्रैक्टर ऑपरेशन, एक्सपोर्ट, ट्रक और बस बिजनेस एवं थ्री-व्हीलर प्रोडक्शन पर इसका कोई असर नहीं होगा। कंपनी ने कहा कि यह स्थिति डायनामिक है, कंपनी आपूर्ति स्थिति की बारीकी से समीक्षा कर रही है और प्रभाव को न्यूनतम बनाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
इससे पहले मंगलवार को देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा था कि सेमीकंडेक्टर शॉर्टेज की वजह से सितंबर में उसका कुल उत्पादन सामान्य उत्पादन का केवल 40 प्रतिशत रहेगा। कंपनी के गुरुग्राम और मानेसर प्लांट की संयुक्त क्षमता 15 लाख इकाई सालाना है, जबकि सुजुकी मोटर गुजरात की स्थापित वार्षिक उत्पादन क्षमता 7.5 लाख इकाई है।
ऑटो इंडस्ट्री में वैश्विक स्तर पर सेमीकंडेक्टर्स का उपयोग हाल के समय में बहुत अधिक बढ़ गया है। ऐसा टेक्नोलॉजिकल एडवांस्मेंट और ब्लूटूथ कनेक्टिविटी और ड्राइवर असिस्ट, नेवीगेशन एवं हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक सिस्टम व इंजन कंट्रोल यूनिट जैसे अधिक इलेक्ट्रॉनिक फीचर्स की वजह से सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ गई है। कुल सेमीकंडक्टर मांग में ऑटो इंडस्ट्री की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है, शेष हिस्सेदारी इलेक्ट्रॉनिक एप्लाएंसेस और गैजेट इंडस्ट्री की है।
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