नई दिल्ली। भारत दुनिया के पांच शीर्ष देशों में यात्री वाहनों के मामले में दूसरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार है। पिछले साल इसकी वृद्धि 7 प्रतिशत रही और इस मामले में चीन पहले पायदान पर है। वहीं बिक्री के लिहाज से भारत यात्री वाहनों के लिए पांचवें सबसे बड़े बाजार के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी।
वाहन उद्योग के वैश्विक संगठन इंटरनेशनल डेस कंस्ट्रक्टर्स डे ऑटोमोबाइल (ओआईसीए) के आंकड़ों के अनुसार भारत में यात्री वाहनों की बिक्री पिछले साल 29,66,637 इकाई रही जो 2015 में 27,72,270 इकाई थी। वहीं भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) के आकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 में घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की कुल बिक्री 9.23 प्रतिशत बढ़कर 30,46,727 इकाई रही जो वित्त वर्ष 2015-16 में 27,89,208 वाहन थी।
चीन की वृद्धि पिछले साल 14.93 प्रतिशत रही और वहां 2,43,76,902 वाहनों की बिक्री हुई जो 2015 में 2,12,10,339 थी। साम्यवादी देश यात्री वाहनों के लिहाज दुनिया की पहला सबसे बड़ा बजार रहा।
लिस्ट में तीव्र वृद्धि के मामले में जर्मनी तीसरे स्थान पर रहा। वहां पिछले साल बिक्री 4.54 प्रतिशत बढ़कर 33,51,607 इकाई रही जा 2015 में 32,06,042 इकाई थी। हालांकि, आकार के लिहाज से जर्मनी चौथे स्थान पर रहा और यह जापान से पीछे रहा। जापान में यात्री वाहनों की बिक्री पिछले साल 1.65 प्रतिशत घटकर 41,46,459 इकाई रही जो 2015 में 42,15,889 इकाई थी।
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