नई दिल्ली। सरकार देश में बड़े स्तर पर इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य अपने तेल आयात बिल को कम करना और वाहन चलाने की लागत को किफायती बनाने के साथ ही पर्यावरण प्रदूषण को कम करना भी है।
बिजली मंत्री विजय गोयल ने सीआईआई आम सभा 2017 को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार उजाला योजना की तरह ही इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को भी आत्मनिर्भर बनाने जा रहे हैं। इसके पीछे विचार यह है कि वर्ष 2030 से देश में एक भी पेट्रोल या डीजल की कार नहीं बिकनी चाहिए।
गोयल ने कहा कि शुरु में सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को खड़ा करने के लिए 2-3 साल तक इसे स्थिर करने में मदद कर सकती है। मारुति का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी को अपना समर्थन दिया था, जो कि अब देश की सबसे बड़ी कार कंपनी बन चुकी है।
गोयल ने बताया कि भारी उद्योग मंत्रालय और नीति आयोग देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने वाली एक पॉलिसी पर मिलकर काम कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल की उच्च लागत पर उन्होंने कहा कि लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल तभी खरीदेंगे जब इनकी कीमत किफायती होगी। उन्होंने बताया कि उजाला योजना के तहत अभी तक सरकार पिछले दो सालों में 50 करोड़ एलईडी बल्ब बेच चुकी है। उन्होंने कहा कि मेरा काम भारत की ऊर्जा दक्षता को बढ़ाना और ऊर्जा की मांग को पूरा करना है।
21 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं
देश भर में पारंपरिक 21 लाख स्ट्रीट लाइटों को एलईडी लाइट से परिवर्तित किया गया है, जिससे सालाना 29.5 करोड़ यूनिट बिजली की बचत होगी। साथ ही यह सालाना 2.3 लाख टन कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा।
बिजली मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि सरकार की स्ट्रीट लाइटिंग राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत देशभर में 21 लाख से अधिक स्ट्रीट लाइटों को एलईडी लाइटों से बदला गया है। इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड को दी गई है।
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