Honda लेकर आएगी 110सीसी से कम इंजन वाली सस्ती मोटरसाइकिल, अक्टूबर-नवंबर की बिक्री से तय होगी ऑटो क्षेत्र की दिशा
HMSI ग्रामीण तथा अर्धशहरी क्षेत्रों के बाजार में हिस्सेदारी पाने के लिए 110 सीसी से कम इंजन क्षमता के साथ शुरुआती स्तर की मोटरसाइकिल पर काम कर रही है।
नई दिल्ली। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) देश में अधिक क्षमता वाली बाइक और स्कूटर में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के बाद अब शुरुआती स्तर की मोटरसाइकिल पर काम कर रही है। कंपनी देश की दूसरी सबसे बड़ी दुपहिया विनिर्माता है और अब वह ग्रामीण तथा अर्धशहरी क्षेत्रों के बाजार में हिस्सेदारी पाने के लिए 110 सीसी से कम इंजन क्षमता के साथ शुरुआती स्तर की मोटरसाइकिल पर काम कर रही है।
एचएमएसआई के निदेशक (बिक्री और विपणन) यदविंदर सिंह गुलेरिया ने कहा कि हम इस अंतर (शुरुआती स्तर की बाइक) से अवगत हैं और इस पर काम पहले ही प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने अधिक इंजन क्षमता वाले खंड में अच्छी प्रगति की है और उसने हाल के दिनों में उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि इस पर काम जारी है। मैं उस समय के बारे में नहीं बता सकता, जब हम यह उत्पाद (शुरुआती स्तर की बाइक) लाएंगे, लेकिन भविष्य में ये आएगा जरूर।
उन्होंने कहा कि कंपनी एक टिकाऊ व्यावसाय मॉ़डल की तलाश कर रही है, जिसका अर्थ है कि उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार होना चाहिए और हमारे पास काफी संख्या में अच्छी बिक्री वाले मॉडल होने चाहिए।
अक्टूबर, नवंबर की बिक्री से तय होगी ऑटो क्षेत्र में सुधार की दिशा
होंडा कार्स इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय ऑटो उद्योग इस समय वी-आकार का सुधार देख रहा है, लेकिन इसकी स्थिरता अक्टूबर और नवंबर के बिक्री आंकड़ों पर निर्भर करेगी। वी-आकार के सुधार का अर्थ गिरावट के बाद हालात का तेजी से बेहतर होना है। कोरोना वायरस महामारी के चलते लोग निजी वाहन को तरजीह दे रहे हैं। इसके साथ ही ग्रामीण मांग बढ़ने से ऑटो क्षेत्र में कुछ सुधार देखने को मिला है, लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या यह रुझान लंबे समय तक चलेगा।
होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और निदेशक (विपणन और बिक्री) राजेश गोयल ने बताया कि ऑटो उद्योग में कई लोगों ने सतर्क आशावाद शब्द का इस्तेमाल किया है, जिससे मैं सहमत हूं। अगर आप वक्र देखें तो भारतीय ऑटो उद्योग ने वी-आकार का सुधार देखा है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर और नवंबर के आंकड़ों पर निर्भर करेगा कि यह टिकने वाला है या नहीं।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर के अंत या नवंबर तक यह स्पष्ट होना चाहिए कि मांग बनी रहेगी या नहीं। इन प्रकार की स्थितियों में, मांग दूर हो गई है। मांग की पटरी पर लागे की प्रक्रिया धीमी और श्रमसाध्य है। गोयल ने कहा कि सितंबर में थोक मांग तो तेजी से बढ़ी है, लेकिन खुदरा मांग में उस अनुपात में बढ़ोतरी नहीं देखी गई और ऑटो उद्योग ने त्योहारी मौसम में मांग को पूरा करने के लिए स्टॉक किया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी पैकेज के साथ ही अच्छे मानसून और खरीफ की अच्छी फसल के चलते मांग में सुधार हुआ है।