GST Council : इलेक्ट्रिक वाहनों पर 12 नहीं 5 फीसदी लगेगी जीएसटी, ऐसे बचेंगे हजारों रुपए
जीएसटी परिषद की बैठक में इलैक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिहाज से सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए लोगों को राहत दी है। उच्चाधिकार प्राप्त वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने शनिवार को इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया। यह फैसला एक अगस्त, 2019 से प्रभावी होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की दूसरी बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। जीएसटी परिषद की 36वीं बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर पर भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। परिषद ने स्थानीय निकायों द्वारा इलेक्ट्रिक बसें किराये पर लेने के लिए जीएसटी में छूट देने की भी मंजूरी दी।
साथ ही जीएसटी काउंसिल ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर (EV Charger) पर भी GST की दर 18 से घटाकर 5 फीसदी कर दी दिया है। हालांकि सभी नई दरें 1 अगस्त, 2019 से प्रभावी रूप से लागू हो जाएंगी।
अब इलेक्ट्रिक कार, बाइक खरीदने पर इतनी होगी बचत
बता दें कि अगर आप 10 लाख रुपए कीमत की इलेक्ट्रिक कार खरीदते हैं तो 1 अगस्त से इलेक्ट्रिक व्हीकल पर अब आपको 70 हजार रुपए की बचत होगी, यानी 7 फीसदी कम जीएसटी देना होगा। अगर आप 1 लाख रुपए की कीमत वाली इलेक्ट्रिक बाइक खरीदते हैं तो आपको 7 हजार रुपए की बचत होगी।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में तिमाही रिटर्न भरने की आखिरी तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया है। पांच जुलाई को पेश किए गए बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए ऋण के ब्याज में 1.5 लाख रुपये की आयकर कटौती का प्रस्ताव रखा था। यह कदम इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। मंहगे लागत और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दर काफी कम है। देश में कुल वार्षिक वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी कुल एक प्रतिशत से भी कम है। मोदी सरकार हालांकि, इलेक्ट्रिक कारों और मोटरसाइकिल के उपयोग को बढ़ावा देकर परिवहन क्षेत्र को बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।
आपको बता दें जीएसटी काउंसिल की 36वीं बैठक पहले 25 जुलाई को दोपहर 3.30 बजे होनी तय थी, लेकिन इस दिन वित्त मंत्री के संसद में व्यस्त होने के कारण बैठक को री-शेड्यूल किया गया था।