क्रैश टेस्ट में फेल हुई शेवरले बीट और होंडा मोबिलियो, मिली जीरो रेटिंग
भारत में बनी कार एक फिर क्रैश टेस्ट में फेल हो गई है। पैसेंजर सेफ्टी को लेकर कार कंपनियों की साख गिर रही है फिर फी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही हैं।
नई दिल्ली। भारत में बनी कार एक फिर क्रैश टेस्ट में फेल हो गई है। पैसेंजर सेफ्टी को लेकर कार कंपनियों की साख लगातार गिर रही है फिर फी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही हैं। ताजा मामला शेवरले की बीट हैचबैक का है। दक्षिण अमेरिका और कैरीबिया में न्यू कार असेस्मेंट प्रोग्राम (एनसीएपी) ने बीते मंगलवार को भारत में बनी शेवरले बीट का क्रैश टेस्ट किया था। इस में बीट को व्यस्क और चाइल्ड सेफ्टी के मामले में जीरो स्टार रेटिंग मिली है। वहीं हाल ही में ग्लोबल नेशनल कार असेस्मेंट प्रोग्राम (एनसीएपी) ने भारत में बनी रेनो क्विड और होंडा मोबिलियो का भी क्रैश टेस्ट किया था। इस में क्विड को एक स्टार और मोबिलियो के बेस मॉडल को जीरो रेटिंग हासिल हुई।
शेवरले बीट के बारे में पूरी जानकारी
- शेवरले बीट को जनरल मोटर्स के पुणे स्थित तालेगांव प्लांट में बनाया जाता है।
- इसे दक्षिणी अमेरिकी देश मैक्सिको और कोलम्बिया को निर्यात किया जाता है।
- भारत में यह कार ‘स्पार्क’ नाम से बिकती है।
- पैसेंजर सेफ्टी मामले में भारत में बनी बीट को मिली जीरो रेटिंग ने सभी को हैरान कर दिया है।
तस्वीरों में देखिए क्रैश टेस्ट
Crash test
भारत में तैयार और भारत जैसे ही उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों में बिकने वाली बीट सुरक्षा के मामले में काफी कमतर है, वहीं इसका यूरोपीय मॉडल इस मामले में काफी बेहतर है। यूरो एनसीएपी क्रैश टेस्ट में बीट को साल 2009 में 4-स्टार रेटिंग हासिल हुई थी। यूरोप में कड़े कानूनों की वजह से बीट के बेस वेरिएंट में भी छह एयरबैग दिए गए हैं। कीमत की बात करें तो बीट के बेस मॉडल की यूरोप और दक्षिण अमेरिका में कीमत लगभग बराबर है। यूरोप में जहां बेस मॉडल से ही अच्छे सेफ्टी फीचर मिलते हैं वहीं उभरती हुई अर्थव्यस्था वाले देशों में इन कारों को बिना सेफ्टी फीचर के उतारा जाता है।