नयी दिल्ली। देश में आटोमोबाइल डीलर्स की संस्था 'फाडा' ने फोर्ड इंडिया द्वारा देश भर में उसके डीलरशिप साझेदारों के लिए तैयार किये जाने रहे मुआवजा व्यवस्था की निगरानी को लेकर सरकार से मदद मांगी है। वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) इसके लिए सरकार से एक कार्यबल बनाने का आग्रह किया है। इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी की प्रमुख मोटर वाहन कंपनी फोर्ड ने भारत में अपने दो संयंत्रों में वाहन उत्पादन बंद करने की घोषणा की थी। कंपनी अपने पुनर्गठन के तहत अब केवल आयातित वाहनों को ही बेचेगी।
भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे को लिखे पत्र में फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने सरकार से फोर्ड इंडिया के डीलरशिप के लिए मुआवजे की संरचना में उद्योग निकाय को शामिल करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया है। गुलाटी ने एक पत्र में कहा, ‘‘हम विनम्रतापूर्वक आपके मंत्रालय से हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं। एक टास्क फोर्स बनाई जाए, जो ऑटोमोबाइल डीलरों और डीलरशिप कर्मचारियों के लिए मुआवजे की योजना की निगरानी के लिए फोर्ड इंडिया से रोजाना जानकारी लेती रहे।’’
इसके अलावा गुलाटी ने मंत्रालय से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि फोर्ड इंडिया विभ्भिन उपभोक्ता और दीवानी मामलों में डीलरों की क्षतिपूर्ति करे। देश भर में 26,500 डीलरशिप केंद्रों वाले 15,000 से अधिक ऑटोमोबाइल डीलरों का प्रतिनिधित्व करने वाले फाडा ने कहा कि वर्ष 2017 के बाद से मूल उपकरण विनिर्माताओं के देश से जाने के कारण डीलरों को करीब 2,485 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उसने कहा कि जनरल मोटर्स, हार्ले-डेविडसन, मैन ट्रक्स, यूएम एण्ड लोहिया और अब फोर्ड इंडिया जैसी कंपनियों के बंद होने के कारण लगभग 64,000 लोगों ने डीलरशिप पर अब तक अपनी नौकरी खो दी है।
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