महंगे पेट्रोल-डीजल ने बढ़ाई EV की लोकप्रियता, पार्ट्स शोर्टेज व डिलीवरी में देरी के बाद भी बढ़ रही है बिक्री
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2029-30 तक देश में कुल 1.48 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री करने का लक्ष्य तय किया है। पिछले नौ वर्षों के दौरान देश में कुल 7,59,182 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई है
नई दिल्ली। कम्प्यूटर चिप और अन्य पार्ट्स की कमी के बावजूद भारत के साथ ही साथ पूरी दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री लगातार बढ़ रही है। इसका एक प्रमुख कारण पेट्रोल-डीजल का लगातार महंगा होना भी है। वहीं दूसरी ओर सरकारें भी कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने में जुटी हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि के रूप में दिखाई पड़ रहा है। इसका ताजा उदाहरण ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटर की बिक्री है, जिसने दो दिन में ही 1100 करोड़ रुपये मूल्य के स्कूटर बेचने का रिकॉर्ड बनाया है। दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टेस्ला ने भी 2021 की तीसरी तिमाही में इलेक्ट्रिक वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री की है।
इतिहास का सबसे अधिक मुनाफा कमाया
टेस्ला ने अपने इतिहास में सबसे अधिक तिमाही मुनाफा कमाया है। कंपनी ने बताया कि वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में उसने 1.62 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया है। इसी साल दूसरी तिमाही में कंपनी ने 1.14 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया था। एक साल पहले समान तिमाही में टेस्ला ने 30 करोड़ डॉलर का मुनाफा कमाया था। टेस्ला ने बताया कि उसने तीसरी तिमाही में कुल 241,300 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। चालू वर्ष में टेस्ला ने अबतक कुल 627,300 वाहनों की बिक्री की है।
महंगे ईंधन ने भारत में बढ़ाई EV की बिक्री
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता में इजाफा किया है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत रिकॉर्ड 106.54 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.27 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। ईंधन महंगा होने से लोगों ने इलेक्ट्रिक दो-पहिया और चार-पहिया वाहन खरीदना शुरू कर दिया है। वित्त वर्ष 2021-22 में अबतक देश में कुल 1,21,915 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हो चुकी है। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देशभर में कुल 1,33,831 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई थी। वित्त वर्ष 2011-12 से लेकर अबतक देश में कुल 7,59,182 इलेक्ट्रिक वाहन बिक चुके हैं।
सबसे ज्यादा तीन-पहिया वाहनों की हो रही बिक्री
देश में इस समय सबसे ज्यादा तीन-पहिया वाहनों की बिक्री हो रही है। इसका एक प्रमुख कारण ई-कॉमर्स कंपनियों और पार्सल कंपनियों द्वारा अपने डिलीवरी वाहन बेड़े में अक्रामकता के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करना है। इसके बाद दो-पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों का स्थान है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अभी तक कुल 1,21,915 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई है। इसमें 58,396 तीन-पहिया, 57,043 दो-पहिया, 4,726 चार-पहिया कार और 909 गुड्स व्हीकल शामिल हैं।
मोदी सरकार आने के बाद बढ़ी देश में EV की बिक्री
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने के बाद देखी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत परिकल्पना के तहत कार्बन उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कमी लाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों पर विशेष जोर दिया है। यही वजह है कि देश में वित्त वर्ष 2016-17 से निरंतर इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में इजाफा हो रहा है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर एक नजर
वित्त वर्ष | वाहनों की संख्या |
2011-12 | 7,536 |
2012-13 | 4,106 |
2013-14 | 3,035 |
2014-15 | 2,415 |
2015-16 | 18,037 |
2016-17 | 56,626 |
2017-18 | 96,773 |
2018-19 | 1,46,597 |
2019-20 | 1,68,311 |
2020-21 | 1,33,831 |
2021-22 | 1,21,915 (अनंतिम) |
2030 तक 1.48 करोड़ बिक्री का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2029-30 तक देश में कुल 1.48 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री करने का लक्ष्य तय किया है। पिछले नौ वर्षों के दौरान देश में कुल 7,59,182 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई है और अब अगले नौ सालों में 1,40,40,818 वाहनों की बिक्री एक बड़ा लक्ष्य है। देश में इस समय 441 इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता सक्रियता से काम कर रहे हैं।
अधिक कीमत और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर है समस्या
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में सबसे बड़ी बाधा इन वाहनों की अधिक कीमत और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी चिंता है। भारत में अभी गिनी-चुनी कार कंपनियां ही इलेक्ट्रिक वाहन बेच रही हैं, जिनकी कीमत पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में बहुत अधिक है। दूसरा देश में अभी 573 पब्लिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं और कुछ प्राइवेट चार्जिंग स्टेशन भी हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं। अगले दो-तीन सालों में भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में क्रांति आने की उम्मीद की जा सकती है, क्योंकि सभी प्रमुख कंपनियां अब इस पर विशेष ध्यान दे रही हैं और देश में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को लेकर भी सक्रियता से काम चल रहा है।
प्रत्येक 1000 नॉन-ईवी वाहनों की तुलना में EV की बिक्री में त्रिपुरा सबसे आगे
देश में प्रत्येक 1000 नॉन-ईवी वाहनों की बिक्री की तुलना में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री के मामले में त्रिपुरा सबसे आगे है। इसके बाद दिल्ली और कर्नाटक का स्थान है।
राज्य | प्रत्येक 1000 नॉन-ईवी वाहनों की तुलना में ईवी की बिक्री |
त्रिपुरा | 52 |
दिल्ली | 48 |
कर्नाटक | 28 |
असम | 24 |
राजस्थान | 23 |
उत्तराखंड | 21 |
तमिलनाडु | 19 |
गोवा | 18 |
चंडीगढ़ | 15 |
उत्तर प्रदेश | 14 |
महाराष्ट्र | 12 |
बिहार | 12 |
अंडमान और निकोबार | 11 |
स्रोत: CEEW Centre for Energy Finance
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