नई दिल्ली। जापान की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी होंडा भारत में पूरी तरह से बिजली से चलने वाले वाहन (ई-वाहन) उतारने से पहले अगले दो साल हाइब्रिड वाहन लाएगी। कंपनी का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बुनियादी ढांचा जैसे कि चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने में अभी समय लगेगा। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कंपनी पर्यावरण-अनुकूल वाहनों के लिए सरकारी पहल का पालन करेगी। हाइब्रिड कार में पावर के लिए एक से ज्यादा स्त्रोत होते हैं। आमतौर पर, हाइब्रिड कारों में दहन इंजन (पेट्रोल या डीजल) के साथ इलेक्ट्रिक मोटर दी गई होती है।
होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि भारत में, हम ई-वाहन को लेकर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का अनुसरण करेंगे। निश्चित रूप से बिजली से चलने वाले वाहन प्रौद्योगिकी में आगे का मार्ग प्रशस्त करेगें और हमें उम्मीद है कि सरकार की पहल के साथ अगले कुछ सालों में ऊर्जा का स्त्रोत नवीकरणीय ऊर्जा की ओर स्थानांतरित हो जाएगा।
गोयल ने कहा कि ऊर्जा का स्त्रोत नवीकरणीय ऊर्जा की ओर स्थानांतरित होने तक और देश में चार्जिंग स्टेशन के स्थापित होने तक के लिए हमारा मानना है कि हाइब्रिड वाहन बेहतर विकल्प हो सकता है। यह अभी से लेकर इलेक्ट्रिक वाहन के लिए बुनियादी सुविधाएं विकसित होने तक के लिए बेहतर प्रौद्योगिकी हो सकती है। हाइब्रिड प्रौद्योगिकी का दो साल उपयोग करने के बाद हम इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में अपनी यात्रा शुरू करेंगे। फिलहाल कंपनी घरेलू बाजार में एक ही मॉडल अकॉर्ड हाइब्रिड की बिक्री करती है।
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