नई दिल्ली। भारत में चालू वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री करीब 74,000 इकाई रहने की उम्मीद है। इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के संगठन SMEY के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार की फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को लेकर संशय वाहनों की बिक्री को प्रभावित कर रही है। SMEY के आंकड़ों के मुताबिक, 2017-18 में 56,000 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुयी थी जबकि 2016-17 में करीब 25,000 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गये थे।
संगठन के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि यदि फेम का दूसरा चरण आ जाता और विनिर्माताओं ने इसके लिये अप्रैल से तैयारी शुरू कर दी होती तो हम इस वित्त वर्ष में एक लाख इलेक्ट्रिक वाहन (ई-वाहन) की बिक्री के स्तर पर छू लेते। उन्होंने कहा कि फेम के दूसरे चरण पर अस्पष्टता और भ्रम की स्थिति के बीच ई-वाहनों की बिक्री इस वित्त वर्ष में 74,000 इकाई के आसपास रहेगी। इस महीने की शुरुआत में, भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने कहा था कि सरकार देश में बिजली से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिये फेम के दूसरे चरण की घोषणा करेगी।
पहले इस योजना की घोषणा वैश्विक मोबिलिटी शिखर सम्मेलन के दौरान होने की उम्मीद थी लेकिन इसका एलान नहीं किया गया। अप्रैल में, सरकार ने सितंबर के अंत तक छह महीने के लिए या दूसरे चरण को मंजूरी मिलने तक फेम इंडिया के चरण-1 की समयसीमा का विस्तार कर दिया था। इस योजना का पहले चरण का प्रस्ताव 31 मार्च, 2017 तक दो साल के लिए किया गया था, लेकिन बाद में इसे 31 मार्च, 2018 तक छह-छह महीने के लिए दो बार बढ़ाया गया था।
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