नई दिल्ली। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने सरकार को सुझाव दिया है कि ई-व्हीकल पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की दर 5 प्रतिशत होनी चाहिए। साथ ही इन वाहनों को बिना लोन के खरीदने वालों को आयकर में वाहन मूल्य के 30 प्रतिशत के बराबर एकबारगी टैक्स छूट दी जानी चाहिए।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा सरकार को इस संबंध में सौंपे गए एक श्वेत पत्र में कहा गया है कि इन वाहनों को रोड टैक्स और टोल टैक्स से भी छूट दी जानी चाहिए। इसके अलावा इन्हें फ्री पार्किंग और इन वाहनों को चार्ज करने में उपयोग की जाने वाली बिजली के दाम में 50 प्रतिशत की छूट मिलनी चाहिए। सियाम के मुताबिक ग्राहकों को ई-वाहन की ओर प्रोत्साहित करने के लिए कई चरणों पर उपभोक्ता हित वाली नीतियां अपनाने की जरूरत है।
पत्र के अनुसार नीति का लक्ष्य सामूहिक आधार पर ई-वाहनों के अपनाए जाने पर जोर देना, इनकी स्वीकार्यता बढ़ाना और व्यवहार्यता के अंतर को कम करना होना चाहिए। इतना ही नहीं यह नीति ऐसी हो जो देश में वाहन चार्जिंग की सुविधा के विनिर्माण को बढ़ावा देती हो और वाहनों के घरेलू विनिर्माण के हित में हो।
पत्र के मुताबिक, मांग पर छूट या नकद सब्सिडी देना लघु अवधि में बेहतर विकल्प हो सकता है। हालांकि टैक्स छूट और अन्य राजकोषीय या गैर-राजकोषीय कदम दीर्घावधि में बेहतर विकल्प हो सकते हैं और इसका प्रभाव भी अच्छा होगा। विशेष राजकोषीय प्रोत्साहन पर सियाम का मत है कि ई-वाहनों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की जानी चाहिए।
इसके अलावा इन्हें रोड टैक्स मुक्त कर देना चाहि। साथ ही ऐसे वाहनों के खरीदारों को उनकी कुल कर योग्य आय पर वाहन की कीमत के 30 प्रतिशत के बराबर छूट देनी चाहिए। यह सुविधा सिर्फ इनकी खरीद के लिए किसी तरह की वित्तीय मदद (ऋण इत्यादि) नहीं लेने वालों को मिलनी चाहिए।
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