मुंबई: कारों की कीमतें लघु अवधि में स्थिर रहेंगी क्योंकि कोविड-19 की दूसरी लहर ने मांग-आपूर्ति की स्थिति को काफी हद तक संतुलित कर दिया है। फॉक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह राय जताई। मई महीने में वाहन कंपनियों की बिक्री में गिरावट आई है। 2021 के पहले तीन माह में दबी मांग की वजह से वाहन कंपनियों की बिक्री उल्लेखनीय रूप से बढ़ी थी। कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच कई राज्यों में आवाजाही पर अप्रैल और मई में अंकुश लगाया गया, जिससे कारों की बिक्री पर भी असर पड़ा है।
फॉक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के ब्रांड निदेशक आशीष गुप्ता ने कहा कि जून से मांग में सुधार की उम्मीद है, क्योंकि अंकुशों में ढील दी जा रही है। साथ ही टीकाकरण भी बढ़ रहा है और मानसून सामान्य है। पीटीआई-भाषा को ई-मेल के जरिये दिए जवाब में गुप्ता ने कहा कि कैलेंडर साल की पहली तिमाही में वास्तव में मांग आपूर्ति से अधिक हो गई थी जिसकी वजह से इंतजार की अवधि बढ़ गई और बाजार में कीमतों में ऊपर की ओर करेक्शन हुआ।
प्रमुख वाहन कंपनियों मारुति सुजुकी, हुंदै, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स तथा टोयोटा किर्लोस्कर की बिक्री मई में अप्रैल की तुलना में घटी है। महामारी की दूसरी लहर से उत्पादन और आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। गुप्ता ने कहा, ‘‘फिलहाल मौजूदा लॉकडाउन की वजह से हम बिक्री में गिरावट देख रहे हैं। अप्रैल में ग्राहकों को आपूर्ति 20 प्रतिशत प्रभावित हुई। मई में ज्यादातर देश लॉकडाउन में था। ऐसे में आपूर्ति में करीब 70 प्रतिशत की गिरावट आई।’’
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