वाहन चालकों के लिए बुरी खबर, मिशेलिन ने की भारत में टायरों के दाम 8% बढ़ाने की घोषणा
कंपनी ने कहा कि कच्चे माल की बढ़ती लागत, वैश्विक परिवहन लागत और मौजूदा बाजार परिस्थितियों के मद्देनजर उसे यह कदम उठाना पड़ रहा है।
नई दिल्ली। फ्रांस की टायर कंपनी मिशेलिन ने भारत में अपने टायरों के दाम आठ प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा की है। यह मूल्यवृद्धि 18 जून से लागू होगी। मिशेलिन ने बयान में कहा कि वह अफ्रीका, भारत और पश्चिम एशिया क्षेत्र में यात्री कारों, हल्के ट्रकों तथा मोटरसाइकिल टायरों के दाम छह प्रतिशत तक बढ़ाएगी। वहीं ऑन-रोड और ऑफ-रोड वाणिज्यिक वाहनों के टायरों के दाम आठ प्रतिशत तक बढ़ाए जाएंगे।
कंपनी ने कहा कि कच्चे माल की बढ़ती लागत, वैश्विक परिवहन लागत और मौजूदा बाजार परिस्थितियों के मद्देनजर उसे यह कदम उठाना पड़ रहा है। भारत में मूल्यवृद्धि 18 जून से लागू होगी। जबकि पश्चिम एशिया क्षेत्र में यह एक जुलाई से लागू होगी। मिशेलिन समूह के सभी ब्रांड के दाम बढ़ेंगे। कंपनी के पास तमिलनाडु में 290 एकड़ में प्लांट है, जहां रेडियल ट्रक/बस टायर्स का उत्पादन होता है। फ्रांस के क्लेरमोंट-फेरांड में मुख्यालय वाली मिशेलिन 170 देशों में मौजूद है और इसके 1,23,600 कर्मचारी हैं। कंपनी 71 टायर उत्पादन इकाईयों का परिचालन करती है और कंपनी ने संयुक्त रूप से 2020 में 17 करोड़ टायर का उत्पादन किया।
जून के पहले सप्ताह में बिजली की खपत 12.6 प्रतिशत बढ़ी
देश में बिजली की खपत जून के पहले सप्ताह में 12.6 प्रतिशत बढ़कर 25.38 अरब यूनिट (बीयू) पर पहुंच गई। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि देश में वाणिज्यिक और औद्योगिक बिजली की मांग में सुधार की रफ्तार अभी सुस्त बनी हुई है। बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल जून के पहले सप्ताह में बिजली की खपत 22.53 अरब यूनिट रही थी। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल के निचले आधार प्रभाव की वजह से बिजली की खपत और मांग में सुधार की रफ्तार सुस्त रही है।
पिछले साल पूरे जून महीने में बिजली की खपत करीब 11 प्रतिशत घटकर 105.08 अरब यूनिट रही थी। जून, 2019 में यह 117.98 अरब यूनिट थी। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर की वजह से कई राज्यों में लॉकडाउन और अंकुशों के बावजूद इस साल मई के पहले सप्ताह में बिजली की खपत 26.24 अरब यूनिट रही थी। इस लिहाज से मई के पहले सप्ताह की तुलना में जून के पहले सप्ताह में बिजली की खपत में 3.35 प्रतिशत की गिरावट आई है। जून के पहले सप्ताह में व्यस्त समय की पूरी की गई बिजली की मांग पिछले साल की तुलना में करीब 15 प्रतिशत बढ़कर 168.72 गीगावॉट (सात जून) रही।
पिछले साल छह जून को यह 146.53 गीगावॉट रही थी। जून, 2019 में व्यस्त समय की पूरी की गई बिजली की मांग 181.52 गीगावॉट (चार जून) रही थी। पिछले साल पूरे जून माह में व्यस्त समय की बिजली की मांग घटकर 164.98 गीगावॉट रह गई, जो इससे पिछले साल समान महीने में 182.45 गीगावॉट रही थी।
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