नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि के बीच संपूर्ण देश में एक बार फिर से लॉकडाउन लगाने की चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में केयर रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि एक बार फिर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से ऑटोमोबाइल सेक्टर गहरी मंदी में फंस जाएगा, जिसकी वजह से यहां काम करने वाले कर्मचारियों पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। इसके अलावा ओईएम भी नए प्रोडक्ट लॉन्च को टालने और पूंजीगत खर्च में कटौती करने के लिए मजबूर होंगे। केयर रेटिंग्स की इस रिपोर्ट से इस बात का संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार एक बार फिर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन पर विचार कर रही है।
अधिकांश राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए अलग-अलग स्थानों पर लॉकडाउन की घोषणा की है। ऑटोमोबाइल सेक्टर पहले से ही मंदी की चपेट में है। केयर रेटिंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इसके अलावा नए उत्सर्जन मानकों को अपनाने के लिए सरकार के नियमों का कढ़ाई से पालन करने से ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स (ओईएम) ने अपने उत्पादों की कीमतों में वृद्धि की है, जिसने उपभोक्ताओं को खरीदारी करने से रोका है।
देश में अप्रैल और मई में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से कारोबारी और वाणिज्यिक गतिविधियां अचानक से रुक गईं। महामारी ने आपूर्ति श्रृंखला में भी बाधा उत्पन्न की और देश में सभी विनिर्माण परिचालन को 30 दिनों के लिए रोक दिया। लॉकडाउन की वजह से कंटेनमेंट जोन में स्थित कई ओईएम, एंसीलरीज और डीलर्स की अप्रैल और मई में शून्य कारोबारी गतिविधि रही।
हालांकि पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील दिए जाने से जून में विनिर्माण गतिविधियों में कुछ सुधार देखने को मिला। इसके साथ ही जून माह में ऑटोमोबाइल प्रोडक्शन, सेल्स और एक्सपोर्ट में भी वृद्धि देखी गई। ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए भविष्य का परिदृश्य अभी भी अनिश्चित बना हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि एक बार फिर से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया जाता है तो यह सेक्टर और गहरी मंदी में फंस जाएगा, जो बहुत बड़े कर्मचारी वर्ग पर बहुत बुरा असर डालेगा। ओईएम अपने नए उत्पादों को लॉन्च करने में और देर करेंगे और अपनी विस्तार योजनाओं पर लगाम लगाने पर मजबूर होंगे।
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