अगरतला: कांग्रेस की त्रिपुरा यूनिट ने राज्य के गंडतविसा में एक छात्र की मौत और उसके बाद बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। बता दें कि महीने की शुरुआत में सूबे के धलाई जिले में 2 गुटों के बीच हुई झड़प में एक आदिवासी युवक की मौत के बाद कई दुकानों में आग लगा दी गई थी और घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। अब कांग्रेस ने इस पूरे मामले कीहाई कोर्ट के वर्तमान जज से न्यायिक जांच कराए जाने की मांग उठाई है।
झड़प के बाद 40 से ज्यादा परिवार हुए थे बेघर
बता दें कि 7 जुलाई को दो गुटों के बीच झड़प में कॉलेज का छात्र 19 वर्षीय परमेश्वर रियांग घायल हो गया था और 12 जुलाई को अस्पताल में उसकी मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि उसकी मौत के बाद गंडतविसा में दंगे और आगजनी हुई जिससे कम से कम 40 परिवार बेघर हो गए। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने बताया, ‘मंगलवार को त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस समिति की 5 सदस्यीय टीम ने गंडतविसा में स्थिति का जायजा लेने के लिए परमेश्वर रियांग और हिंसा प्रभावित अन्य लोगों के घरों का दौरा किया।’
‘पुलिस की मौजूदगी में घायल हुआ था परमेश्वर’
बर्मन ने कहा, ‘पुलिस की मौजूदगी में परमेश्वर गंभीर रूप से घायल हुआ। लूटपाट, दंगा और आगजनी भी पुलिस कर्मियों के सामने हुई। इसलिए हमने न्यायिक जांच की मांग की है।’ उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भरोसा बनाए रखने के लिए गंडतविसा के संवेदनशील इलाकों में ‘स्थायी सुरक्षा शिविर’, पीड़ित के परिजन के लिए सरकारी नौकरी और हिंसा प्रभावित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिलवाना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘जिन परिवारों के घर पूरी तरह जल गए, उन्हें केवल 25 हजार रुपये दिए गए हैं और परमेश्वर की मां को 5 लाख रुपये दिए गए हैं।’
‘सभी प्रभावित परिवारों को मिले पर्याप्त मुआवजा’
कांग्रेस नेता ने कहा कि हम चाहते हैं कि राज्य सरकार गंडतविसा के सभी हिंसा प्रभावित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दे। बता दें कि अगरतला से लगभग 110 किलोमीटर दूर स्थित गंडतविसा में जब रियांग का शव लाया गया तो लोगों की भावनाएं भड़क उठीं और उन्होंने गुस्से में कई घरों और दुकानों में जमकर तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने इस मामले में हत्या के सिलसिले में 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। हिंसा के बाद पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई पुलिसकर्मियों को तैनात किया था।