अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार को कहा कि राज्य में 2015-16 से 2023-24 तक एड्स संबंधी जटिलताओं के कारण कुल 512 लोगों की मौत हुई। माकपा के सांसदों-- निर्मल विश्वास और नयन सरकार के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बताया कि राज्य में 2021 तक 7,707 एचआईवी मरीज, 2022 तक 8,943 और 2023 तक 10,126 मरीज दर्ज किए गए हैं।
2021-22 में हुई सबसे ज्यादा मौतें
साहा के पास स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का प्रभार भी है। उन्होंने कहा कि राज्य में 2021-22 में एड्स से संबंधित जटिलताओं के कारण सबसे अधिक 74 मौतें हुईं। उनके अनुसार 2023-24 में मृत्यु के सबसे कम 52 मामले थे। एचआईवी मरीजों के उपचार और एड्स मामलों के खिलाफ लड़ाई पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (TSACS) ने कुमारघाट, कैलाशहर, दमचेरा, अंबासा, जिरानिया और जम्पुई में ‘ओपिओइड प्रतिस्थापन थेरेपी (ओएसटी)’ खोली है। उन्होंने कहा, "24 अस्पतालों में एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र शुरू किए गए हैं। राज्य में एक मोबाइल एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र भी काम कर रहा है।"
मादक पदार्थों के खिलाफ ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार ने मादक पदार्थों के खिलाफ ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस अधिनियम) के तहत 2022 से अबतक 1,665 मामलों में कुल 2,697 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। विपक्ष के नेता जितेन्द्र चौधरी (माकपा) और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने इस पूर्वोत्तर राज्य में मादक पदार्थों के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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