सिक्किम में विपक्ष गायब, 2 सीटों पर हुए उपचुनाव के बाद सभी 32 सीटों पर SKM का कब्जा
सिक्किम विधानसभा में विपक्ष का एक भी विधायक नहीं होगा। दो सीटों पर हुए उपचुनाव में SKM के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।
सरकार के कामकाज पर नजर बनाए रखने के लिए विपक्ष का होना जरूरी होता है। हालांकि, जब सदन में विपक्ष का एक भी विधायक ही नहीं हो तो ये कितनी अजीब परिस्थिति है। ऐसा ही कुछ सिक्किम में देखने को मिलेगा। सिक्किम विधानसभा में विपक्ष का कोई भी विधायक नहीं होगा। 32 सीटों वाले विधानसभा में 30 विधायकों का सरकार को समर्थन है। वहीं, दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सत्ता पक्ष की निर्विरोध जीत हुई है।
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा यानी SKM के उम्मीदवार आदित्य गोले और सतीश चंद्र राय क्रमश: सोरेंग-चाकुंग और नामची-सिंघीथांग विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बुधवार को निर्विरोध निर्वाचित हुए। अधिकारियों के मुताबिक, सोरेंग-चाकुंग सीट से आदित्य गोले एकमात्र उम्मीदवार थे, क्योंकि सिक्किम लोकतांत्रिक मोर्चा (SDF) के उम्मीदवार प्रोबिन हंग सुब्बा ने मंगलवार को अपना नामांकन वापस ले लिया था।
दोनों सीटों पर निर्वाचित प्रत्याशी
सीट | उम्मीदवार |
नामची-सिंघीथांग | सतीश चंद्र राय |
सोरेंग-चाकुंग | आदित्य गोले |
निर्वाचन प्रमाण पत्र सौंपा गया
अधिकारियों ने बताया कि गोले निर्विरोध निर्वाचित हुए और सोरेंग के निर्वाचन अधिकारी धीरज सुबेदी ने नाम वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने के बाद उन्हें निर्वाचन प्रमाण पत्र सौंपा। SKM के सतीश चंद्र राय ने नामची के निर्वाचन अधिकारी अनूपा तमलिंग से निर्वाचन प्रमाण पत्र भी हासिल किया। सतीश चंद्र राय, नामची-सिंघीथांग विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित हुए, क्योंकि मंगलवार को एसडीएफ उम्मीदवार डेनियल राय की ओर से नाम वापस लेने के बाद वह मैदान में एकमात्र उम्मीदवार थे।
राय और गोले की जीत के साथ, एसकेएम ने 1989 में सिक्किम संग्राम परिषद (SSP) और 2009 में सिक्किम लोकतांत्रिक मोर्चा (SDF) के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है, क्योंकि तब दोनों पार्टियों ने सिक्किम विधानसभा की सभी 32 सीटें जीती थीं। सिक्किम के मुख्यमंत्री और एसकेएम अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग ने राज्य के लोगों से हिमालयी राज्य में विकास कार्यों को तेजी देने के लिए पार्टी के सभी 32 विधायक चुनने का आग्रह किया था।
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