A
Hindi News नॉर्थ ईस्ट मणिपुर कमलबाबू की तलाश में सेना के 2000 जवान, हेलीकॉप्टर और खोजी कुत्ते, आखिर कौन है ये शख्स?

कमलबाबू की तलाश में सेना के 2000 जवान, हेलीकॉप्टर और खोजी कुत्ते, आखिर कौन है ये शख्स?

कमलबाबू सिंह की तलाश के लिए सीधे तौर पर सीएम एन बीरेन सिंह ने आदेश दिया है। एक हफ्ते से ज्यादा का समय हो गया है, सेना के 2000 जवान कमलबाबू सिंह की अभी तक खोज नहीं कर पाए हैं।

कमलबाबू सिंह की तलाश में सेना के 2000 जवान- India TV Hindi Image Source : INDIA TV GFX कमलबाबू सिंह की तलाश में सेना के 2000 जवान

भारतीय सेना लैशराम कमलबाबू सिंह को खोजने में युद्ध स्तर पर लगी हुई है। एक सप्ताह से अधिक समय से लापता मेइती समुदाय के इस व्यक्ति की तलाश के लिए सेना को लगाया गया है। इसके लिए 2,000 से अधिक सैन्य कर्मियों को तैनात किया गया है। 

कौन हैं कमलबाबू?

सेना के अनुसार, मूल रूप से असम के कछार जिले के रहने वाले लैशराम कमलबाबू सिंह इंफाल पश्चिम के खुखरुल में रहते थे। वह 57वीं माउंटेन डिवीजन के लेइमाखोंग सैन्य अड्डे में सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (MES) के साथ काम करने वाले एक ठेकेदार के कार्य पर्यवेक्षक थे। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा था कि कमलबाबू सिंह सैन्य अड्डे से लापता हो गए हैं। सीएम ने सैन्य अधिकारियों से उन्हें ढूंढने को कहा है।

25 नवंबर से चल रहा सर्च ऑपरेशन

मणिपुर पुलिस ने सोमवार रात ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारतीय सेना की सहायता से मणिपुर पुलिस 25 नवंबर, 2024 से युद्ध स्तर पर सर्च ऑपरेशन चला रही है, ताकि लैशराम कमलबाबू सिंह (56 वर्ष) का पता लगाया जा सके। वह 25 नवंबर, 2024 से लापता हैं।’

2000 सेना के जवान, हेलीकॉप्टर और खोजी कुत्तों की मदद

पोस्ट के अनुसार, ‘सेना ने 2000 से अधिक सैनिकों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोन और सेना के खोजी कुत्तों की मदद से उन्हें ढूंढने के लिए हर तरह की सहायता और संसाधन मुहैया कराए हैं। तकनीकी खुफिया जानकारी का उपयोग करके आगे की जांच की जा रही है।’ 

पत्नी समेत लोग कर रहे विरोध प्रदर्शन

इस बीच, सिंह के लापता होने के विरोध में सैन्य अड्डे से करीब 2.5 किलोमीटर दूर कांटो सबल में धरना प्रदर्शन चल रहा है। जहां सड़क पर अवरोधक लगाए गए हैं। कमलबाबू सिंह की पत्नी अकोईजम बेलारानी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं है। 

मणिपुर हिंसा में गई 150 से अधिक की जान

बता दें कि कांगपोकपी जिले में स्थित सैन्य शिविर राज्य की राजधानी इंफाल से करीब 16 किलोमीटर दूर है। ये इलाका पर्वतीय क्षेत्रों से घिरा हुआ है। जहां कुकी लोग रहते हैं। पिछले साल मई में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद लीमाखोंग के पास रहने वाले मेइती लोग यहां से पलायन कर गए थे। इस हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि सिंह को संभवतः उग्रवादियों ने अगवा किया है। 

पीटीआई के इनपुट के साथ