लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी का पहला मणिपुर दौरा, सोमवार को हिंसा प्रभावित लोगों से करेंगे मुलाकात
लोकसभा चुनाव के बाद राहुल की यह पहली मणिपुर यात्रा है, जहां की दोनों संसदीय सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। पिछले साल तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद से गांधी ने दो बार राज्य का दौरा किया है।
नई दिल्ली/इंफाल: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सोमवार को मणिपुर जाएंगे। वे वहां विभिन्न जिलों में हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात करेंगे। कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष के.मेघचंद्र ने कहा कि गांधी विमान से दिल्ली से सिलचर जाएंगे और वहां से जिरीबाम जिले में जाएंगे, जहां छह जून को ताजा हिंसा हुई थी। मणिपुर में हिंसा शुरू होने के बाद राहुल गांधी की यह तीसरी यात्रा होगी। वह पिछले साल मई में हिंसा शुरू होने के कुछ हफ्ते बाद ही मणिपुर गए थे और इस साल की शुरुआत में ही उन्होंने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ भी मणिपुर से निकाली थी।
राहत शिविरों का करेंगे दौरा
मेघचंद्र ने कहा, ‘‘गांधी जिले में कुछ राहत शिविरों का दौरा करेंगे। फिर वह सिलचर हवाई अड्डा लौटेंगे और वहां से इंफाल के लिए उड़ान भरेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इंफाल में उतरने के बाद राहुल चुराचांदपुर जिले में पहुंचकर राहत शिविरों में रहने वाले लोगों से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि चुराचांदपुर से गांधी सड़क मार्ग से बिष्णुपुर जिले के मोइरंग पहुंचेंगे और कुछ राहत शिविरों का दौरा करेंगे। इसके बाद वह इंफाल लौटेंगे, जहां राज्यपाल अनुसुइया उइके से उनकी मुलाकात की योजना बनाई जा रही है। मेघचंद्र ने कहा कि इसके बाद वह राज्य से रवाना हो जाएंगे।
लोकसभा चुनाव के बाद मणिपुर का पहला दौरा
लोकसभा चुनाव के बाद राहुल की यह पहली मणिपुर यात्रा है, जहां की दोनों संसदीय सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस विधायक दल के नेता ओ.इबोबी सिंह ने कहा, ‘‘पिछले साल तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद से गांधी ने दो बार राज्य का दौरा किया है। उन्होंने लोगों के दर्द और दुख के बारे में जानने के लिए राहत शिविरों का दौरा किया था।’’ राहुल गांधी और कांग्रेस मणिपुर का दौरा नहीं करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लगातार हमले करते आ रहे हैं।
मणिपुर को ‘गृहयुद्ध’ में धकेलने का आरोप
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर गत एक जुलाई को लोकसभा में विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत करते हुए आरोप लगाया था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपनी नीतियों और राजनीति से मणिपुर को ‘‘गृहयुद्ध’’ में धकेल दिया। कांग्रेस नेता ने जातीय हिंसा भड़कने के बाद से राज्य का दौरा नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी आलोचना की थी। राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि सरकार ऐसा व्यवहार कर रही है जैसे मणिपुर में कुछ हुआ ही नहीं है।
पीएम मोदी ने लोकसभा में मणिपुर पर दिया था बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने गत तीन जुलाई को राज्यसभा में कहा था कि केंद्र सरकार मणिपुर में प्रदेश की सरकार के साथ मिलकर स्थिति को सामान्य करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने सभी से राजनीति से ऊपर उठकर वहां की स्थिति को सामान्य बनाने में सहयोग की अपील की थी और साथ ही ‘आग में घी डालने’ वालों को आगाह भी किया था कि वे ऐसी हरकतें बंद करें। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘‘मणिपुर की स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। वहां जो कुछ भी घटनाएं घटी हैं, उनमें 11,000 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गई है। (इनपुट-भाषा)