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सरकार के कुकी और मैतेई समूहों से बातचीत के कोई सबूत नहीं: मणिपुर कांग्रेस

कांग्रेस की मणिपुर इकाई ने बुधवार को दावा किया कि राज्य में जातीय संघर्ष को सुलझाने के लिए कुकी और मैतेई समूहों के साथ सरकार की बातचीत के कोई सबूत नहीं हैं।

मणिपुर कांग्रेस के...- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO मणिपुर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष देवब्रत सिंह

इंफाल: कांग्रेस की मणिपुर इकाई ने बुधवार को दावा किया कि राज्य में जातीय संघर्ष को सुलझाने के लिए कुकी और मैतेई समूहों के साथ सरकार की बातचीत के कोई सबूत नहीं हैं। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि सरकार स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए मैतेई और कुकी समूहों के साथ बातचीत कर रही है और घुसपैठ को रोकने के लिए म्यांमा से लगी देश की सीमा पर बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया गया है, जो समस्या का मूल कारण है।

मणिपुर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष देवब्रत सिंह ने गृह मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए संवाददाताओं से कहा, “शाह ने दावा किया है कि सरकार राज्य में संकट के समाधान के लिए मैतेई और कुकी समूहों के साथ बातचीत कर रही है। लेकिन ऐसी बातचीत के कोई सबूत नहीं हैं। उनके बयान में पारदर्शिता का अभाव है।”

कांग्रेस नेता ने राज्य सरकार से एक कथित आधिकारिक दस्तावेज के बारे में भी स्पष्टीकरण मांगा, जिस पर कथित तौर पर मुख्यमंत्री के सचिव एन ज्योफ्रे ने हस्ताक्षर किए हैं। डीजीपी को संबोधित दस्तावेज में कहा गया है कि 900 प्रशिक्षित कुकी उग्रवादी इंफाल घाटी से सटे पहाड़ों पर चले गए हैं और 28 सितंबर के आसपास मैतेई गांवों पर समन्वित हमले करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया पर प्रसारित आधिकारिक दस्तावेज ने इंफाल घाटी के सीमांत क्षेत्रों में दहशत पैदा कर दी है और जान-माल की सुरक्षा के लिए बंकरों के निर्माण की खबरें आई हैं। हम इस बारे में मुख्यमंत्री और उनके सचिव से स्पष्टीकरण की मांग करते हैं।”

इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेई और समीपवर्ती पहाड़ियों के निवासी कुकी लोगों के बीच पिछले वर्ष मई में शुरू हुई जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं।