कुकी छात्र संगठन (KSO) ने शनिवार को इंफाल घाटी के परिधीय क्षेत्रों के गांवों पर संभावित उग्रवादी हमलों को लेकर जारी मणिपुर सरकार के अलर्ट की निंदा की है। कुकी छात्र संगठन ने इसे ‘दुष्प्रचार’ करार दिया है। छात्र संगठन ने कहा कि यह समुदाय की छवि खराब करने का एक प्रयास है।
पहाड़ी जिलों को अलर्ट पर रखा गया
राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि 28 सितंबर के आसपास परिधीय गांवों पर संभावित उग्रवादी हमलों की रिपोर्ट के मद्देनजर चुराचांदपुर, तेंगनौपाल, उखरुल, कामजोंग और फेरजॉल के पहाड़ी जिलों को अलर्ट पर रखा गया है।
छात्र संगठनों ने अलर्ट को बताया दुष्प्रचार
कुकी छात्र संगठन ने एक बयान में मुख्यमंत्री के सचिव की ओर से पुलिस महानिदेशक (DGP) को लिखे एक कथित पत्र को भी ‘दुष्प्रचार’ करार देकर आलोचना की है। इसकी एक कॉपी सुरक्षा सलाहकार को भी भेजी गई है।
सरकार की ओर से किया गया ये दावा
इस पत्र में दावा किया गया है कि 900 से अधिक उग्रवादी पड़ोसी देश म्यांमार से मणिपुर में घुस चुके हैं। इनकी योजना परिधीय गांवों के प्रतिद्वंद्वी समुदाय पर 28 सितंबर के आसपास हमला करने की है।
दबाव में बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस
प्रभावशाली कुकी छात्रों के संगठन ने दावा किया कि शुक्रवार को सीएम बीरेन सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस ‘दबाव में बुलाई गई’ थी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कथित पत्र की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया।
कुकी समुदाय की छवि खराब करने की कोशिश
संगठन ने दावा किया गया कि मुख्यमंत्री के सचिव के हस्ताक्षर उनके मूल हस्ताक्षर से मेल नहीं खाते। केएसओ के बयान में कहा गया है, 'भले ही हम जानते हैं कि यह इस महान राष्ट्र के नागरिक के रूप में हमारी छवि को खराब करने के लिए दुष्प्रचार है, हम यह बताना चाहेंगे कि हमें अपनी सुरक्षा के लिए बाहर से किसी व्यक्ति की जरूरत नहीं है।'
भाषा के इनपुट के साथ