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मणिपुर के राहत शिविर पहुंचे राहुल गांधी, दंगे से बेघर हुए लोगों से की मुलाकात

राहत शिविर में राहुल गांधी सभी लोगों के साथ जमीन पर बैठे और उनकी बात सुनी। मणिपुर में लंबे समय से मैतेयी और कुकी समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष जारी है। इन दंगों के कारण बड़ी संख्या में लोग बेघर हो चुके हैं।

Rahul Gandhi- India TV Hindi Image Source : PTI राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार (8 जुलाई) को मणिपुर पहुंचे। यहां उन्होंने राहत शिविर में दंगा पीड़ित लोगों से मुलाकात की। राहत शिविर में वह जमीन पर ही लोगों के साथ बैठे और उनकी परेशानियों को जानने की कोशिश की। मणिपुर में लंबे समय से मैतेयी और कुकी समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष जारी है। इन दंगों के कारण बड़ी संख्या में लोग बेघर हो चुके हैं और कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।

राहुल गांधी मणिपुर के दौरे पर हैं और वह अलग-अलग जगहों पर जाकर लोगों से मिल रहे हैं और उनकी समस्याएं जान रहे हैं। इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा और भारत न्याय यात्रा के दौरान भी वह हजारों लोगों से मिले थे। 

जिरीबाम में भी राहत शिविर पहुंचे

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार को मणिपुर के जिरीबाम जिले में राहत शिविरों का दौरा करने के बाद सिलचर हवाई अड्डे से इंफाल हवाई अड्डे पहुंचे। इसके बाद वह सड़क मार्ग से चुराचांदपुर के लिए रवाना हो गए। राहुल चुराचांदपुर में राहत शिविरों का दौरा करेंगे, जहां जातीय हिंसा के कारण विस्थापित लोग रह रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र और कांग्रेस विधायक दल के नेता ओ इबोबी सिंह भी दौरे पर उनके साथ हैं। मेघचंद्र ने संवाददाताओं से कहा, “राहुल गांधी की यात्रा का मकसद लोगों को मदद मुहैया करना और जमीनी हालात का जायजा लेना है। उनका दौरा हालिया हिंसा से प्रभावित लोगों की चिंताओं को दूर करने की पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” 

असम के लोगों के साथ हूं- राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि वह असम के लोगों के साथ हैं और ‘संसद में उनके सिपाही’ हैं। उन्होंने केंद्र से राज्य को तुरंत हरसंभव सहायता मुहैया कराने का अनुरोध किया। राहुल ने असम में कछार जिले के फुलेर्तल में एक बाढ़ राहत शिविर का दौरा करने के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं असम के लोगों के साथ हूं, मैं संसद में उनका सिपाही हूं और मैं केंद्र सरकार से राज्य को तुरंत हरसंभव मदद मुहैया कराने का अनुरोध करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि असम को ‘‘अल्पावधि में व्यापक और दयालु दृष्टि वाली राहत, पुनर्वास और मुआवजे की आवश्यकता है तथा दीर्घावधि में बाढ़ पर नियंत्रण पाने के लिए पूरे पूर्वोत्तर का एक जल प्रबंधन प्राधिकरण चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘असम में बाढ़ से मची अत्यधिक तबाही हृदयविदारक है जिसने आठ वर्षीय अविनाश जैसे मासूम बच्चे को हमसे छीन लिया है। पूरे राज्य में सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं।’’ 

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