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Hindi News नॉर्थ ईस्ट असम गुवाहाटी में हंगामा, 'आपत्तिजनक' पेंटिंग बनाने के आरोप में तीन युवक हिरासत में, जानें क्या है मामला

गुवाहाटी में हंगामा, 'आपत्तिजनक' पेंटिंग बनाने के आरोप में तीन युवक हिरासत में, जानें क्या है मामला

रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर पेड़ों की कटाई रोकने के लिए स्थानीय निवासी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस ने तीन युवकों को हिरासत में लिया है। आरोप है कि युवकों ने एक 'आपत्तिजनक' पेंटिंग बनाई थी।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

असम: गुवाहाटी के भारलामुख इलाके में रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर पेड़ों की कटाई रोकने के लिए स्थानीय निवासियों की ओर से चलाए जा रहे विरोध प्रदर्शन में तीन युवकों को कथित रूप से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोप है कि युवकों ने एक 'आपत्तिजनक' पेंटिंग बनाई थी, जो ओवरब्रिज निर्माण के लिए प्रस्तावित करीब 80 पेड़ों की कटाई के खिलाफ विरोध के रूप में तैयार की गई थी।

शनिवार रात स्थानीय निवासियों ने इस मुद्दे पर मानव श्रृंखला बनाई और धरना भी दिया था। इसी दौरान युवकों ने दीवार पर पेंटिंग की, जिसमें नारा लिखा गया था, "कृपया हिमंत प्रकृति बचाओ"। हालांकि, पेंटिंग पर शुरू में एक शब्द था जो विवादास्पद हो सकता था, लेकिन उसे तुरंत बदल दिया गया। पुलिस ने इस सिलसिले में तीन युवकों को रविवार तड़के गिरफ्तार किया और उन्हें भारलामुख थाने ले गई।

जांच के दायरे में मामला

युवकों से मिलने गए एक वकील ने कहा, "उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और मामला जांच के दायरे में है।" वहीं, रायजोर दल के उपाध्यक्ष रसेल हुसैन ने कहा कि उन्हें थाने में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई 'अलोकतांत्रिक' है और युवकों के परिवारों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

इस घटना के बाद 'दिघालीपुखुरी बचाओ आंदोलन' ने भारलामुख के स्थानीय निवासियों के आंदोलन के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की है। हालांकि, इस आंदोलन ने किसी भी राजनीतिक संदेश को समर्थन देने से इनकार किया है।

स्थानीय लोग क्यों कर रहे विरोध?

यह पूरा विवाद इस बात को लेकर है कि रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण के लिए जो पेड़ काटे जाने हैं, उससे इलाके की हरित संपदा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। स्थानीय लोग इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं और उनका मानना है कि इस परियोजना को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से दोबारा विचार किया जाना चाहिए। इस बीच, पुलिस अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान देने से बच रही है। (इनपुट- भाषा)

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