असम सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में सूचीबद्ध जिन लोगों के बायोमेट्रिक विसंगतियों के कारण आधार कार्ड नहीं बने उनके लिए आवेदन प्रस्तुत करने की सुविधा को एक नया केंद्र स्थापित किया है। बुधवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार इस समस्या के समाधान के लिए 25 जुलाई से डीसी कार्यालय के पास डाक बंगले में चार ‘रिसीविंग काउंटरों’ वाला नया केंद्र संचालित होगा।
बयान में कहा गया है कि एनआरसी में शामिल लेकिन ‘बायोमेट्रिक’ मुद्दों के कारण आधार कार्ड नहीं बनवा पाये लोगों को अपने दावे प्रस्तुत करने के लिए सुबह 10 बजे केंद्र पर आने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसमें कहा गया है कि आवेदकों को मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, राशन कार्ड और एनआरसी आवेदन रसीद संख्या (एआरएन) जैसे आवश्यक दस्तावेज लाने होंगे।
2019 में लगी थी रोक
वर्ष 2019 में 31 अगस्त को सूची प्रकाशन से पहले एनआरसी प्रक्रिया के दावों और आपत्तियों के बारे में पड़ताल के दौरान 27.43 लाख आवेदकों के ‘बायोमेट्रिक्स’ लिए गए थे। इसके बाद एनआरसी प्राधिकारियों ने इस डाटा पर रोक लगा दी, जिससे आवेदकों को आधार कार्ड प्राप्त करने से रोक दिया गया।
9 लाख लोगों के आधार कार्ड पर रोक
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने हाल में बताया कि एनआरसी अद्यतन करने की प्रक्रिया के दौरान आवेदन करने वाले नौ लाख लोागें के आधार कार्ड अवरुद्ध कर दिए गए। उन्होंने इस बात को उजागर किया कि इस अवधि के दौरान आधार केंद्रों को अस्थायी रूप से एनआरसी केंद्र में बदल दिया गया था, जिससे समय संबंधी दिक्कतें आयीं और जिसकी अब समीक्षा की जा रही है। (इनपुट- पीटीआई भाषा)
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