असम कोयला खदान हादसा: आठ मजदूरों के बचने की उम्मीद कम, खनिकों का सरदार गिरफ्तार
अवैध खदान में कुल नौ मजदूर फंसे थे। इनमें से एक का शव मिल चुका है, लेकिन आठ मजदूर अभी भी खदान में फंसे हुए हैं। समय निकलने के साथ ही उनके बचने की उम्मीद कम होती जा रही है।
असम में अवैध खदान में हुए हादसे में मजदूरों के बचने की उम्मीद कम होती जा रही है। यहां अवैध कोयला खदान में पानी भरने से नौ मजदूर फंस गए थे। इनमें से एक मजदूर का शव मिल चुका है। वहीं, आठ मजदूरों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस बीच पुलिस ने मजदूरों के सरदार को गिरफ्तार कर लिया है। हादसा असम के दीमा हसाओ जिले में कोयला खदान में हुआ था। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि खदान में बचाव अभियान को फिर से शुरू करने के लिए पानी निकालने का काम जारी है।
खदान में फंसे हुए खनिकों की स्थिति गंभीर होती दिख रही है। बचाव अभियान में शामिल कर्मियों को उन्हें खदान से बाहर निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। एक अधिकारी ने बताया कि नेपाल के रहने वाले एक मजदूर का शव बरामद किया गया है।
हादसे के बाद भाग गया था सरदार
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "खनिकों के 'सरदार' (मुखिया) को, जो छह जनवरी को हुई घटना के तुरंत बाद खदान स्थल से भाग गए थे, गुरुवार रात को व्यापक तलाशी अभियान के बाद एक स्थान से गिरफ्तार किया गया। इस मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है।" अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान हनान लस्कर के रूप में हुई है और खदान के पट्टाधारक पुनीश नुनिसा को घटना के दूसरे दिन मामले के सिलसिले में हिरासत में लिया गया।
सोमवार को हुआ था हादसा
सोमवार को गुवाहाटी से करीब 250 किलोमीटर दूर उमरंगसो इलाके में 3 किलो कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने के बाद मजदूर फंस गए थे। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि खदान में हुई घटना के संबंध में मामला दर्ज किया गया है, जो 'अवैध' प्रतीत होती है। खदान में अचानक पानी भर जाने के बाद नौ मजदूर खदान में फंस गए और अब तक एक मजदूर का शव बरामद किया गया है। अधिकारी ने बताया कि 340 फीट गहरी खदान से पानी निकालने का काम ओएनजीसी और कोल इंडिया द्वारा लाई गई विशेष मशीनों से जारी है।
पानी कम होने के बाद उतरेंगे गोताखोर
अधिकारी ने बताया कि काफी पानी निकल जाने के बाद नौसेना और सेना के गोताखोर बचाव अभियान चलाने के लिए फिर से खदान में उतरेंगे। अधिकारी ने बताया कि नौसेना, सेना, असम राइफल्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और नागरिक प्रशासन बचाव अभियान में लगे हुए हैं और घटनास्थल पर तैनात हैं। (इनपुट- पीटीआई)