गुवाहाटीः असम में ट्रेन के लोको पायलट की सूझबूझ से करीब 60 हाथियों की जान बच गई। दरअसल, हाथियों का एक झुंड रात में रेलवे ट्रैक पार कर रहा था। इसी दौरान तेज स्पीड में ट्रेन भी पटरी पर आ रही थी। इसी दौरान एआई द्वारा संचालित एक सुरक्षा प्रणाली ने लोको पायलट को संकेत दिया।
लोको पायलट ने लगाई इमरजेंसी ब्रेक
जानकारी के अनुसार, 16 अक्टूबर को कामरूप एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर जेडी दास और उनके सहायक उमेश कुमार ने रात 8.30 बजे हाथियों के एक झुंड को हवाईपुर और लमसाखांग स्टेशनों के बीच रेलवे ट्रैक पार करते देखा। ट्रेन गुवाहाटी से लुमडिंग जा रही थी। हाथियों को देखते ही दोनों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाई और ट्रेन को हाथियों के झुंड से कुछ दूर पहले रोक दिया। इस तरह उन्होंने करीब 60 जंगली हाथियों को ट्रेन से टकराने से बचाया।
पहले भी बचाए गए हैं हाथियों के जान
बता दें कि पूर्व मध्य रेलवे धीरे-धीरे अपने अधिकार क्षेत्र के तहत अन्य सभी गलियारों में एआई प्रणाली को स्थापित करने की योजना बना रहा है। यह प्रणाली पिछले दिनों रेलवे ट्रैक पर घुस आए हाथियों की जान बचाने में सफल रही है। पूर्व मध्य रेलवे ने 2023 में 414 हाथियों की जान बचाई और इस साल जनवरी से 16 अक्टूबर तक 383 हाथियों की जान बचाई।
जुलाई में एक हाथी की हुई थी मौत
इससे पहले जुलाई में असम के मोरीगांव जिले में तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से एक जंगली हाथी की मौत हो गई थी। यह घटना सुबह करीब पांच बजे गुवाहाटी शहर के बाहरी इलाके जगीरोड इलाके में हुई थी। घटना सुबह 4:52 बजे हुई थी। उस समय सुबह का समय था, इसलिए लोको-पायलट हाथी को ठीक से नहीं देख सका।