तस्करों को पकड़ने के साथ जागरुकता फैलाने में जुटी पुलिस, 1000 लोगों के साथ निकाली पदयात्रा, सीएम भी पहुंचे
ड्रग मुक्त मिजोरम के लिए पदयात्रा चंमारी कवां से शुरू होकर एआर ग्राउंड लामुल में खत्म हुई। राज्य में नशे की तस्करी और नशे की लत बड़ी समस्या है। इसे खत्म करने के लिए प्रशासन लगातार कोशिश कर रहा है।
मिजोरम में नशे का कारोबार और इसकी लत कम करने के लिए सरकार और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हेरोइन जैसे मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए मिजोरम पुलिस ने असम राइफल्स के साथ मिलकर अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत एक महीने के अंदर कई बार करोड़ों की हेरोइन पकड़ी जा चुकी है। नशे के खिलाफ जागरुकता फैलान के लिए पुलिस ने ड्रग मुक्त मिजोरम के लिए रैली निकाली। शनिवार (1 जून) को आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री लालदुहोमा भी शामिल हुए।
ड्रग मुक्त मिजोरम के लिए पदयात्रा चंमारी कवां से शुरू होकर एआर ग्राउंड लामुल में खत्म हुई। राज्य में नशे की तस्करी और नशे की लत बड़ी समस्या है। इसे खत्म करने के लिए प्रशासन लगातार कोशिश कर रहा है। मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने सुबह सात बजे हरी झंडी दिखाकर पदयात्रा की शुरुआत की। उन्होंने नशे के कारण मिजोरम के युवाओं की मौत के आंकड़े पर चिंता जाहिर की। राज्य में बड़ी संख्या में युवा नशे के कारण मौत के मुंह में समा रहे हैं। इनमें पुरुषों की संख्या ज्यादा है।
पदयात्रा में 1000 से ज्यादा लोग शामिल
लालदुहोमा ने दोहराया कि उनकी सरकार राज्य से नशे की समस्या खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने नशे के उन्मूलन के लिए बनाई गई समिति के पुनर्गठन की बात कही। ताकि नशे को रोकने के लिए उपाय बेहतर तरीके से लागू किए जा सकें। नशे के खिलाफ पदयात्रा में 1000 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। इसमें कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, कानून प्रवर्तन एजेंसी, गैर सरकारी संस्थान और कई स्कूलों-कॉलेज के छात्र भी शामिल थे।
नशे के खिलाफ पहल
मिजोरम के डीजीपी आईपीएस, अनिल शुक्ला ने कहा कि यह कार्यक्रम नशीली दवाओं के खिलाफ सामूहिक संकल्प को मजबूत करने के लिए आयोजित किया गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह की पहल नशीली दवाओं की समस्या से निपटने के लिए सामुदायिक प्रयासों को मजबूत करेगी। पदयात्रा का समापन एआर ग्राउंड लामुअल में हुआ, जहां एक संक्षिप्त समारोह आयोजित किया गया। समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने नशे के खिलाफ लड़ाई में सामुदायिक भागीदारी की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल कुछ लोगों की हरकतों के कारण पूरा समाज पीड़ित है और उन्होंने स्थिति को सुधारने के लिए सभी क्षेत्रों से समर्पित प्रयासों का आह्वान किया।
सभी से योगदान की उम्मीद
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित गृह मंत्री के सपडांगा ने सरकारी कर्मचारियों, चर्च संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, छात्रों और समाज के सभी सदस्यों से नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया। उन्होंने महत्वपूर्ण सुधार लाने के लिए सामूहिक कार्रवाई के महत्व पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त, आबकारी एवं मादक पदार्थ विभाग के राज्य मंत्री लालनघिंगलोवा हमार, जो मुख्य अतिथि भी थे, उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के पीछे के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि निरंतर समन्वय और प्रयास से मिजोरम नशा मुक्त बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा। उन्होंने मिजो समाज के सभी सदस्यों से इस उद्देश्य में सक्रिय रूप से योगदान देने का आह्वान किया।
इस कार्यक्रम में 30 मई, 2024 को एसपी आइजोल कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित “ड्रग्स फ्री मिजोरम। हां मैं कर सकता हूं” थीम वाली पेंटिंग प्रतियोगिता के लिए पुरस्कार वितरण समारोह भी शामिल था। प्रतियोगिता में 19 हाई स्कूलों और हायर सेकेंडरी स्कूलों के 84 विद्यार्थियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने पुरस्कार प्रदान किए और विजेताओं को बधाई दी तथा उन्हें नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अपनी वकालत जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।